नई दिल्ली: राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस अपना सीएम सुनने के बाद अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम पर मंथन कर रही है. यहां मुख्य रूप से रेस टी एस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू के बीच है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक टी एस सिंहदेव अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं हो रहे है. उन्होंने मंत्रिमंडल में शामिल होने से भी इंकार कर दिया है. खबरों की माने तो देव के पक्ष में कई विधायकों की गोलबंदी हो रही है.
मुख्यमंत्री के नाम पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के घर बैठक जारी है. सूत्रो के मुताबिक सीएम की फैसला आज के लिए टल सकता है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम का एलान कल हो सकता है.
वहीं इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर यह भी आई थी कि सीएम की रेस में ताम्रध्वज साहू आगे हैं. ताम्रध्वज साहू के नाम आगे निकलते ही टीएस सिंह देव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं. बघेल समर्थकों का कहना है कि भूपेश बघेल ही मुख्यमंत्री बनें. नहीं बने तो उनके साथ अन्याय होगा और इसके परिणाम आनेवाले लोक सभा चुनाव में देखने को मिलेंगे. लोगों को साहू का नाम स्वीकार नहीं है.
वहीं एक दर्जन से ज्यादा विधायकों की टीएस सिंहदेव के बंगले पर बैठक हो रही है. इनमें डॉ प्रीतम राम, डॉ विनय जायसवाल, पारस नाथ रजवाड़े, डा प्रेम साय सिंह, चिंतामनी महाराज, खेल साय सिंह, अम्बिका सिंहदेव, चन्नी साहू, देवेन्द्र बहादुर सिंह, वृहस्पति सिंह, लाल जीत सिंह राठिया, शैलेश पांडेय, कुलदीप जुनेजा और किस्मत नंद शामिल हैं.
शपथ ग्रहण का समय तय
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के चार दिन बाद भी मुख्यमंत्री पद का आधिकारिक एलान भले ही नहीं हुआ हो लेकिन शपथ ग्रहण की तारीख और समय तय है और इसके लिए रायपुर में तैयारी भी चल रही है. सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को शपथ ग्रहण हो सकता है.
छत्तीसगढ़ से पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चुनने को लेकर काफी गहमागहमी रही. राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के दो दावेदार अशोक गहलोत और सचिन पायलट थे. कांग्रेस ने कल शाम को सूबे के मुख्यमंत्री चेहरे का एलान किया. पार्टी ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उप-मुख्यमंत्री घोषित किया है.
इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस ने मैराथन बैठक के बाद मध्य प्रदेश की कमान कमलनाथ को सौंपी. यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री की रेस में थे. सूबे में 15 साल बाद कांग्रेस ने वापसी की है. पार्टी ने विधानसभा की 230 सीटों में से 114 सीटों पर कब्जा जमाया है. वहीं बीजेपी के खाते में 109 सीटें गई. बीएसपी ने 2, समाजवादी पार्टी ने एक और निर्दलीय ने चार सीटों पर कब्जा जमाया. राजस्थान में कांग्रेस को पांच साल बाद सत्ता मिली है. 199 सीटों में कांग्रेस को 99 और बीजेपी को 73 सीटें मिली है.