आपने चोरी की घटनाओं के बारे में सुना होगा. जेब में रखे पर्स से लेकर कार चोरी होने तक की घटनाएं देखी होंगी. लेकिन गोबर चोरी के बारे में शायद ही कभी सुना होगा. छत्तीसगढ़ में चोरों की नजर गोबर पर पड़ गई है. यहां पिछले दिनों से इस तरह की कई घटनाएं सुनने को मिल रही है. छत्तीसगढ़ ही नहीं, शायद देश में पहली बार गोबर चोरी जैसे मामले सुनने में आ रहे हैं.
गोबर चोरी से मचा हड़कंप
छत्तीसगढ़ में गोबर चोरी का पहला मामला पिछले हफ्ते ही सामने आया है. कोरिया जिले के रोझी पंचायत में दो ग्रामीणों के बाड़े में जमा गोबर चोरी हो गया. ग्रामीणों ने सुबह उठकर देखा तो गोबर बाड़े में नहीं था. ये चोरी फूलमती पति लल्ला और रिचबुदिया पति सेमलाल के घर हुई. गोबर चोरी की खबर सुनते ही गांव में हड़कंप मच गया. दोनों किसानों का कहना है कि बाड़े में 100 किलो गोबर रखा था.
इसके बाद सभी गांव वालों ने मिलकर इस घटना की जानकारी गौठान समिति के अध्यक्ष को दी. गोठान समिति के अध्यक्ष का कहना है कि ये एक तरह की नई समस्या है, चोरों का पकड़ा जाना जरूरी है. गोठान समिति की ओर से चोर को पकड़ने की फरियाद के साथ स्थानीय थाने में आवेदन दिया गया.
आखिर क्यों हो रहा गोबर चोरी
इस चोरी के पीछे की वजह है राज्य सरकार की एक योजना. छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले हरेली त्योहार के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 'गोधन न्याय योजना' की शुरुआत की है. इस योजना के तहत राज्य सरकार पशुपालकों से दो रूपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीद रही है. खरीदे गए इस गोबर का इस्तमाल जैविक खाद तैयार करने के लिए किया जाएगा.
देशभर में छत्तीसगढ़ बड़े पैमाने पर गोबर खरीदने वाला पहला राज्य बन गया है. हाल ही में पांच अगस्त को सरकार ने गोबर बेचने वाले पशुपालकों को पहली बार उनके पशुओं के गोबर की कीमत अदा की थी. इसी के बाद से यहां गोबर चोरी के मामले बढ़ गए हैं. फिलहाल पुलिस इन गोबर चोरों पर पकड़ने की फिराक में है. किसान अब अपने घर के गोबर को संभाल कर रखने लगे हैं.
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