छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सिलजर गांव के पास CRPF के नए कैंप के सामने खूनी संघर्ष में तीन ग्रामीणों की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए हैं. सड़क पर पत्थरों और आगजनी के निशान अब भी मौजूद हैं. गुस्साए ग्रामीणों ने आसपास के कई पेड़ों की शाखाओं को काटकर आग के हवाले कर दिया. इसके अलावा CRPF की बुलेटप्रुव गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया. मारे गए लोगों की पहचान नहीं हुई है. पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
30 गांवों के जनताति प्रदर्शन में शामिल
12 मई को यहां सीआरपीएफ कैंप के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जनजातिय समूहों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. पिछले चार दिनों से आस-पास के 30 गांवों से जनजातिय समूहों का जत्था कैंप के सामने प्रदर्शन कर रहा है. एक प्रदर्शनकारी 65 साल के कोरसा सोमारू ने कहा, हमलोग चार दिनों से यहां कैंप कर रहे थे. हमारे पास अब राशन भी नहीं था. इसलिए हमलोगों ने सोचा कि कैंप को यहां से हटाने संबंधी आवेदन देकर घर लौट जाएंगे. अगर कैंप नहीं हटा तो हमलोग दोबारा प्रदर्शन के लिए आते. लेकिन हमारे तीन आदमियों को मार दिया गया है और कई घायल है. इसलिए अब हम यहां से हटने वाले नहीं हैं.
महिला सहित पांच लोग गिरफ्तार
जनजातीय लोगों का आरोप है कि सुरक्षा बलों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हमारे लोगों पर ओपन फायर कर दिया. बाद में हमलोगों को नक्सल का कैडर कहा. प्रदर्शन के दौरान कैंप पर हमला बोलने वाले लोगों को पकड़ने के नाम पर ग्रामीणों को पकड़ा जा रहा है और उनसे जबरदस्ती की जा रही है. इधर बस्तर के आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि हमारे लोगों ने स्थिति नियंत्रण से बाहर होने के बाद फायर किया ताकि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके. पुलिस ने अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक महिला भी शामिल है. पुलिस ने अब तक फायरिंग में मारे गए लोगों को ग्रामीणों को नहीं लौटाया है. उनका कहना है कि मृतक की पहचान नहीं हुई है.