रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में महिलाएं अब कमांडो के रूप में डीआरजी के लड़ाकों का साथ दे रही हैं और नक्सलियों के खिलाफ लड़ रही हैं. राज्य के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले की सुशीला कारम कुछ समय पहले नक्सलियों के साथ पुलिस के खिलाफ लड़ती थी. इस दौरान कारम ने कई घटनाओं में नक्सलियों का साथ दिया, लेकिन जब वह माओवाद की खोखली विचारधारा के नाम पर खून खराबे से तंग आ गई तब पति के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. अब वह दंतेश्वरी माई की लड़ाका है.
दंतेश्वरी देवी दंतेवाड़ा की देवी है और यहां उनका भव्य मंदिर है. माना जाता है कि दंतेश्वरी माई क्षेत्र के लोगों की रक्षा करती हैं. दंतेश्वरी देवी के नाम से दंतेवाड़ा पुलिस ने 'दंतेश्वरी लड़ाके' का निर्माण किया है जो राज्य की पहली महिला डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की टीम है.
दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव बताते हैं कि दंतेवाड़ा पुलिस ने महिला कमांडो 'दंतेश्वरी लड़ाके' का गठन किया है जो पुरुष कमांडो के साथ मिलकर नक्सल विरोधी अभियान को अंजाम दे रही हैं. पल्लव बताते हैं कि यह राज्य का पहला डीआरजी प्लाटून है जिसमें सभी महिलाएं हैं. इसमें शामिल 30 महिलाओं में से 10 आत्मसमर्पण कर चुकी महिला नक्सली हैं जो आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों की पत्नी हैं. वहीं 10 महिला कमांडो सहायक आरक्षक हैं. यह पूर्व में सलवा जुडूम आंदोलन की हिस्सा थीं.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दंतेवाड़ा में डीआरजी के पांच प्लाटून हैं और अब छठी प्लाटून महिलाओं की है. जिसका नेतृत्व पुलिस उपअधीक्षक (डीएसपी) दिनेश्वरी नंद कर रही हैं.
राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में डीआरजी के दल को सबसे तेज माना जाता है. यह दल स्थानीय युवा और आत्मसमर्पित नक्सलियों का समूह है जो यहां की भौगोलिक स्थिति से भंलीभांति परिचित हैं. डीआरजी ने पिछले कुछ वर्षों में नक्सल विरोधी कई अभियानों में सफलता पाई है और यह दल अब नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बल का बड़ा हथियार है. डीआरजी का उद्देश्य अपनी खोई हुई भूमि को फिर से प्राप्त करना और इसे माओवादी हिंसा से मुक्त कराना है.
पल्लव ने बताया कि पिछले एक महीने के दौरान यह महिला प्लाटून नक्सल विरोधी अभियान का हिस्सा रही है, जिसमें अलग अलग घटनाओं में तीन नक्सल कमांडरों को मार गिराया गया. उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब क्षेत्र में पुरुष डीआरजी सदस्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महिला डीआरजी कमांडो नक्सल विरोधी अभियान में शामिल हो रही हैं.