मुंबई: फरार माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम कास्कर के बेटे के मौलाना बनने के एक साल बाद उसके करीबी सहयोगी छोटा शकील के एकमात्र बेटे ने भी पाकिस्तान के कराची में आध्यात्मिक रास्ते पर अपने कदम आगे बढ़ा दिए हैं. वे पाकिस्तान के इसी शहर में रहते हैं. भरोसेमंद सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी. छोटा शकील की तीसरी संतान और सबसे छोटे बेटे 18 वर्षीय मुबश्शिर शेख ने हाल ही में 'हाफिज-ए-कुरान' बनकर हलचल पैदा कर दी. यहां मुंबई में भी कई ऐसे हैं जिन्हें इससे धक्का लगा है.


'हाफिज-ए-कुरान' उसे कहा जाता है जिसे पूरा कुरान जुबानी याद हो. कुरान में 6,236 आयते शामिल हैं. इसे इस्लाम के किसी भी अनुयायी के लिए एक मील का पत्थर माना जाता है. युवा मुबश्शिर ने अब कराची के पड़ोस में लोगों को कुरान पढ़ाने और उसका प्रचार करना शुरू कर दिया है, जहां वह अपने बुजुर्ग पिता, बाबू मियां शकील अहमद शेख उर्फ छोटा शकील के साथ रहता है. छोटा शकील को दाऊद की 'डी कंपनी' का प्रमुख कर्ताधर्ता माना जाता है.


माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम का बेटा मोइन भी धर्मगुरु बन चुका है. 'मौलाना मोइन' से प्रेरित लग रहे छोटा शकील के बेटे मुबश्शिर ने भी अब टोपी पहनकर तस्बीह (माला) हाथ में ले ली है और लोगों के बीच कुरान की शिक्षाओं का प्रचार करने का फैसला किया है. मोइन की तरह, मुबश्शिर ने भी अपने पिता के अपराध और आतंकी गतिविधियों को अस्वीकार किया है लेकिन अभी उनके साथ रहना जारी रखा है.


अब यह सवाल उठने लगे हैं कि डॉन और उसके सहयोगियों द्वारा खड़े किए गए विशाल व्यापार और आपराधिक साम्राज्यों का वारिस कौन होगा. मुबश्शिर के अलावा, छोटा शकील की दो बेटियां जोया और अनम हैं, जिन्होंने कराची में ही डॉक्टरों से विवाह किया हुआ है.


आपको बता दें कि छोटा शकील 60 के दशक के मध्य में दक्षिण मुंबई के नागपाड़ा में एक संदिग्ध ट्रैवल एजेंसी चलाता था. 1980 के दशक में वह दाऊद के साथ मिला और माफिया के तौर पर उभरा. सूत्रों ने बताया कि छोटा शकील अब भी दाऊद इब्राहिम के सबसे विश्वासपात्रों में से एक है.