Chicago Shooting: अमेरिका में क्यों बढ़ रही है सामूहिक गोलीकांड की घटनाएं, 7 महीने में 309वीं वारदात
US Shooting: अमेरिका में 2022 में अब तक 309 सामूहिक गोलीबारी की वारदाताओं को अंजाम दिया जा चुका है. इस गोलीकांड में मरने वालों में सबसे अधिक संख्या युवाओं की है.
Highland Park Shooting: अमेरिका के शिकागो (Chicago) में स्वतंत्रता दिवस परेड समारोह (Independence Day Parade) में हुई गोलीबार के बाद जश्न का माहौल मातम में तबदील हो गया. गोलीबारी से पहले लोग सड़कों पर उतरकर आजादी का जश्न बना रहे थे. छुट्टी होने की वजह से सड़कों पर लोगों की भीड़ उमड़ी हुई थी. हमलावरों ने इसी का फायदा उठाकर मासूम लोगों पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी. देखते ही देखते वहां चीख-पुकार मचने लगी. लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे. लेकिन सिर पर सनक सवार हमलावरों ने किसी की जान की परवाह किए बिना निहत्थे लोगों को निशाना बनाना जारी रखा. इस सामूहिक गोलीबारी (Mass Shooting) कांड में छह लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी, जबकि 57 लोग घायल हो गए.
ये कोई पहली घटना नहीं है जब अमेरिका (America) में इस प्रकार से किसी सार्वजनिक स्थान पर लोगों को पर बंदूक की गोली से निशाना साधा गया हो. अमेरिका में लगातार हो रही इस प्रकार की दर्दनाक घटनाओं के पीछे की वजह को लेकर तरह-तरह की दलीलें दी जाती रही हैं. इस बार भी हमलावरों में शामिल लोगों की उम्र 18 से 20 साल के बीच की है. जिस उम्र में बच्चे स्कूल-कॉलेज में भविष्य के निर्माण के लिए किताबों की खाक छानते हैं, अमेरिका में युवाओं के बीच गन कल्चर तेजी से प्रचलित हो रहा है.
डारने वाले हैं आंकड़े
सामूहिक गोलीकांड (Mass Shooting) के आकंड़े तैयार करने वाली संस्था 'द गन वॉयलेंस आर्काइव (The Gun Violence Archive) ने इस विषय को लेकर जो आकड़े जारी किए हैं डराने वाले हैं. संस्था के मुताबिक, 2022 में अब तक 309 सामूहिक गोलीबारी की वारदाताओं को अंजाम दिया जा चुका है. इस गोलीकांड में मरने वालों में सबसे अधिक संख्या युवाओं की है. आकड़ों के मुताबिक, इन सामूहिक हत्याकांडों में 0-11 साल के बीच के 179 बच्चों और 12-17 साल के 670 किशोरों को अपनी जान गवानी पड़ी है. रिपोर्ट के मुताबिक, बीते साल यानी 2021 में अमेरिका में कुल 693 सामूहिक गोलीबारी की घटनाओं को अंजाम दिया गया. तो वहीं, साल 2019 में कुल 417 गोलीबारी की घटनाएं हुई थी.
साल की 15वीं सामूहिक हत्याकांड
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस साल की शुरूआत से लेकर अबतक महज सात महीने के भीतर ही सामूहिक गोलीकांड की ये 15वीं वारदात है. आकड़ों के अनुसार साल 2013 से लेकर अबतक इस प्रकार की गोलीकांड में 322 लोगों की निर्मम हत्या हो चुकी है. इसी साल अमेरिका के टेक्सास में एक स्कूल में इसी प्रकार की वारदात को अंजाम दिया गया था, जिसमें 22 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इसमें 19 मासूम भी शामिल थे.
हमलावरों के निशाने पर स्कूल
अमेरिका में हमलावर लगातार स्कूलों को अपना निशाना बना रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक, 2016 में टेक्सास के अलपाइन स्कूल को निशाना बनाया गया था. जिसमें एक छात्र की मौत हो गई थी. साल 2018 में टेक्सास के सेंट फे स्कूल में हमलावर ने 10 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. पिछले साल भी मिशिगन हाईस्कूल में हुई फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी. ये सब आकड़े इस बात को साबित करने के लिए काफी हैं कि हमलावरों के लिए स्कूल आसान टारगेट रहे हैं.
क्यों बढ़ रही ही सामूहिक हत्याकांड की वारदात
जानकारों के मुताबिक, अमेरिका में तेजी से बढ़ रही सामूहिक गोलीकांड के पीछे की मुख्य वजह यहां का गन एक्ट है. अमेरिका में द गन कंट्रोल एक्ट 1968 के मुताबिक, कोई भी छोटा हथियार खरीदने के लिए व्यक्ति की उम्र 18 साल तय की गई है. वहीं हैंडगन खरीदने के लिए व्यक्ति की उम्र 21 साल तय की गई है. चूंकी, हथियारों की खरीद को लेकर आवेदक की उम्र काफी कम होने के चलते ये आसानी से खरीदी जा सकती है. लेकिन इसके ठीक प्रकार से इस्तेमाल को लेकर इस पर निगरानी रखने के लिए कोई विशेष नियम तय नहीं है. वहीं रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि 33 करोड़ आबादी वाले अमेरिका में देश के आम नागरिकों के पास 39 करोड़ हथियार हैं. आबादी के एक बहुत बड़े हिस्से के पास हथियारों की पहुंच होना भी अमेरिका में सामूहिक गोलीकांड को बढ़ावा देने के पीछे एक अहम वजह हो सकती है.
इसे भी पढ़ेंः-
Maharashtra Politics: कैसे गिरी उद्धव सरकार और किस तरह बीजेपी ने किया ‘खेल’, एकनाथ शिंदे ने किया ये बड़ा खुलासा