नई दिल्लीः कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के असर से देश को लड़ने के लिए आर्थिक मदद के रूप में 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया. जहां इसको लेकर ज्यादातर केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी के सदस्यों ने तारीफ की वहीं कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं ने इसको लेकर ज्यादा उत्साह देखा गया.


कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा कर सिर्फ हेडलाइन दी और कोई ब्यौरा नहीं दिया.


उन्होंने ट्वीट में लिखा कि मंगलवार को प्रधानमंत्री ने हमें एक हेडलाइन दी और एक खाली पन्ना छोड़ गए. स्वाभाविक रूप से मेरी प्रतिक्रिया भी उसी खाली पन्ने की तरह होगी. चिदंबरम ने कहा कि आज हम उस खाली पन्ने को भरने के लिए वित्त मंत्री की तरफ देख रहे हैं. हम ध्यान से उस हर अतिरिक्त रुपये को गिनेंगे जो सरकार वास्तविक रूप से अर्थव्यवस्था में डालेगी. हम इसकी भी पड़ताल करेंगे कि किसे क्या मिलता है?





पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पहली चीज यह है कि गरीब, भूखे और तबाह प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने के बाद क्या उम्मीद कर सकते हैं? हम यह देखेंगे कि निचले हिस्से की जनसंख्या (13 करोड़ परिवारों) को वास्तविक धन के मामले में क्या मिलेगा?


कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आर्थिक पैकेज के ब्यौरे की जानकारी दिए जाने से पहले बुधवार को कहा था कि उसे यह उम्मीद है कि यह पैकेज भाजपा की पहले की कई बड़ी घोषणाओं और वादाखिलाफी की तरह नहीं होगा. पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने यह भी कहा कि सभी जनधन खातों में 7500 रुपये डाले जाने के बाद जनता को सरकार की घोषणा पर विश्वास होगा. उन्होंने ये भी कहा कि उम्मीद है कि इस बार जनता को ठगा नहीं जाएगा और वित्त मंत्री की ओर से घोषित पैकेज और प्रधानमंत्री के शब्दों में तालमेल होगा और कथनी एवं करनी में अंतर नहीं होगा.


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