नई दिल्ली: एयरसेल-मैक्सिस डील घोटाले में फंसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर दिल्ली की कोर्ट ने रोक लगा दी है. हालांकि इस मामले में ईडी से पूछताछ पर कोई रोक नहीं लगी है. गिरफ्तारी के डर से पी चिदंबरम ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी.
चिदंबरम ने क्यों खटखटाया अदालत का दरवाज़ा?
दरअसल चिदंबरम को डर था कि एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में प्रवर्तन निदेशालय उन्हें गिरफ्तार कर सकता है. इसलिए उन्होंने पटियाला कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करके अग्रिम जमानत देने की मांग थी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को पांच जून तक जवाब देने को कहा है.
अदालत में चिदंबरम ने क्या दलीलें दीं?
पी चिदंबरम की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी अदालत में पेश हुए. कपिल सिब्बल ने कहा कि अब तक सीबीआई को इस मामले में कुछ नहीं मिला है. लेकिन फिर भी प्रवर्तन निदेशालय ने पी चिदंबरम को समन जारी कर पेश होने को कहा है. हमें डर है कि प्रवर्तन निदेशालय उनके खिलाफ विरोधात्मक कार्रवाई कर सकता है. लिहाजा उनको अग्रिम जमानत दे दी जाए.
पी चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत को भरोसा दिलाया की चिदंबरम जांच एजेंसी की जांच में पूरा सहयोग करने को तैयार है. जांच एजेंसी जब बुलाएगी वो एजेंसी के सामने हाजिर हो जाएंगे.
क्या हुआ अदालत में
कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि प्रवर्तन निदेशालय ने पी चिदंबरम को 5 जून के लिए जो समन जारी किया गया है, उस पर फिलहाल रोक नहीं होगी. यानी कि 5 जून को पी चिदंबरम को इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय के सामने हाजिर होना होगा.
चिदंबरम पर क्या आरोप हैं?
पी चिदंबरम पर आरोप है कि जब वो देश के वित्त मंत्री थे, उस दौरान उन्होंने एफआईपीबी के नियमों की अनदेखी करते हुए एयरसेल मैक्सिस डील को मंजूरी दी थी. यह वही मामला है जिसमें पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को भी प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपी बनाया हुआ है. फिलहाल कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर भी अदालत ने रोक लगा रखी है.