Demonetization: 'केंद्र ने नोटबंदी पर अहम दस्तावेज छुपाए, RBI या कैबिनेट के पास नहीं थी पूरी जानकारी'- चिदंबरम ने SC से कहा
Demonetization: पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि नोटबंदी का फैसला पूरी तरह से गलत था. सरकार ने ये फैसला लेने से पहले कुछ भी नहीं सोचा. पुराने और नए नोटों को लेकर कोई आंकड़ा नहीं जुटाया
Chidambaram on Demonetization: नोटबंदी के 6 साल बीत चुके हैं, लेकिन राजनीति अब भी जारी है. अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. कोर्ट में वकील और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने नोटबंदी को लेकर घेरते हुए जमकर निशाना साधा. चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी और उसकी प्रक्रिया गलत थी. केंद्र सरकार ने नोटबंदी में जो प्रक्रिया अपनाई उसमें भारी खामी थी. चिदंबरम ने इस फैसले को केवल पीएम मोदी का फैसला बताया. उन्होंने कहा कि इस फैसले की जानकारी न तो रिजर्व बैंक के पास थी और न ही केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास इस संबंध में पूरी जानकारी थी.
नोटबंदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 58 याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है. पांच जजों की बेंच इस केस की सुनवाई कर रही है. बेंच में जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल हैं. याचिकार्ताओं की ओर से पी चिदंबरम वकील हैं. चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी का फैसला पूरी तरह से विफल रहा है.
नोटबंदी का फैसला पूरी तरह गलत था
चिदंबरम ने कोर्ट में कहा कि नोटबंदी का फैसला पूरी तरह से गलत था. उन्होंने कहा कि सरकार ने ये फैसला लेने से पहले कुछ भी नहीं सोचा. पुराने और नए नोटों को लेकर कोई आंकड़ा नहीं जुटाया गया. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार ने नोटबंदी से संबंधित जरूरी दस्तावेजों को छिपाया है. कोर्ट ने 12 अक्टूबर को सरकार और RBI से नोटबंदी से संबंधित दस्तावेजों को पेश करने को कहा था.
कालाधन-आतंकवाद पर लगाम नहीं लगी
चिदंबरम ने कहा, सरकार की दलील है कि कालाधन को बाहर लाने के लिए नोटबंदी की गई थी, लेकिन ये पूरी तरह से असफल रही है. 2000 के नोट आने से जमाखोरी और आसान हो गई. सरकार की दलील है कि नोटबंदी का फैसला आतंकवाद, ड्रग तस्करी और कालेधन को काबू करने के लिए ये फैसला लिया गया था, लेकिन ड्रग्स का करोबार बदस्तूर जारी है. आतंकवाद में कोई लगाम नहीं लगी है.
नोटबंदी पर सरकार की दलीलें हास्यास्पद
चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पेश किया गया हलफनामा हास्यास्पद है. हलफनामे में कहीं कोई जिक्र नहीं है कि नोटबंदी का फैसला लेते वक्त कौन मौजूद था और कौन नहीं. इस फैसले को लेने में रिजर्व बैंक की क्या भूमिका ता. जो बैठक हुई उसका कोरम पूरा भी था या नहीं. हलफनामे के मुताबिक सब कुछ दो घंटे में हो गया.
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