(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका कैसे हो सकती है कम? मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताया
तीसरी लहर को लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब देश में कोरोना वैक्सीनेशन के बीच वैक्सीन की कमी हो गई है. इस बीच कई वैक्सीन की विदेशी कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है.
देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर की चुनौतियों से बुरी तरह जूझ रहा है. हालांकि अब कोरोना की रफ्तार धीमी जरूर पड़ी है. लेकिन कोरोना की एक और लहर की एक्सपर्ट की चेतावनी ने लोगों और सरकार की चिताएं बढ़ा कर रख दी हैं. इस बीच मुख्य आर्थिक सलाहकर के. सुब्रमण्यम ने कहा कि कोविड-19 की एक और लहर की आशंका को कम करने के लिए टीकाकरण अभियान तेज करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर का आर्थिक प्रभाव बहुत बड़ा पड़ने की आशंका नहीं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए आगे राजकोषीय और मौद्रिक सहायता की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. उन्होंने कहा कि मानसून सामान्य रहने की उम्मीद के साथ खाद्यान्न उत्पादन चालू वित्त वर्ष में रिकॉर्ड स्तर पर रहने का अनुमान है.
तीसरी लहर को लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब देश में 18-44 आयुवर्ग के लोगों के कोरोना वैक्सीनेशन के बीच वैक्सीन की कमी हो गई है. वैक्सीन की देश में किल्लत को दूर करने और जल्द से जल्द लोगों के वैक्सीनेशन के लिए वैक्सीन की विदेशी कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है. जबकि घरेलू स्तर पर वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कहा गया है.
इससे पहले, इससे पहले एक्सपर्ट ने आगाह करते हुए कहा था कि देश में कोरोना की एक और लहर आ सकती है और इसकी चपेट में ज्यादातर बच्चे आ सकते हैं. केन्द्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहाकर के. विजय राघवन की तरफ से यह बयान दिया गया था. हालांकि बाद में उन्होंने कहा था कि अगर लोगों ने सतर्कता बरती तो कोरोना की दूसरी लहर हर जगह नहीं या फिर कहीं भी नहीं आ सकती है.
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