Rajya Sabha CEC Debate: संसद के शीत सत्र के दौरान देश के चुनाव आयुक्त किए जाने को लेकर लाए गये बिल पर मंगलवार (12 दिसंबर 2023) को चर्चा हुई. इस चर्चा में फर्जी हस्ताक्षर मामले में निलंबित हुए फिर बिना शर्त माफी मांगने के बाद राज्यसभा में बहाल हुए राघव चड्ढा ने इस चर्चा के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी संबित पात्रा पर तंज कसा.
राघव चड्ढा ने कहा, अगर यह बिल पास होता है तो संबित पात्रा को भी मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया जा सकेगा जिससे आयोग की निष्पक्षता नहीं रह जाएगी. राघव सीईसी में मुख्य न्यायाधीश की भूमिका को हटाने का विरोध कर रहे थे. उन्होंने सभापति की कुर्सी पर बैठी सपा सांसद जया बच्चन को संबोधित करते हुए कहा, सीईसी में सिर्फ तीन सदस्य रखे जा रहे हैं. प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और एक कैबिनेट मंत्री जोकि सही नहीं है. ऐसे में सरकार जिसको चाहेगी वही मंत्री बनेगा.
क्या कहता है नया सीईसी बिल?
मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सत्तारुढ़ केंद्र सरकार लेकर एक संशोधन बिल लेकर आई है जिसके मुताबिक अब चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में तीन लोगों की मुख्य भूमिका होगी जिनमें नेता विपक्ष, प्रधानमंत्री और एक कैबिनेट मंत्री होंगे. सभी विपक्षी दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं. विरोध करने के पीछे की वजह ये तर्क है कि इससे सीईसी की नियुक्ति में मामला 2: 1 का हो जाएगा. यानी सरकार जिसे चाहेगी उसे ही चुनाव आयुक्त बनाएगी.
विपक्षी दलों का कहना है, ऐसे में चुनाव आयुक्त के फैसले स्वतंत्र नहीं होंगे और उनका झुकाव कहीं सत्ता में बैठी सरकार के हितों को ध्यान में रखकर काम करने का होगा जिससे विरोधी दलों का नुकसान होने की अधिक संभावना है. चुनाव आयोग की निष्पक्षता को भी इससे चुनौती मिलेगी क्योंकि महज चुनाव कराना चुनाव आयोग का दायित्व नहीं होता है.