EC On Electoral Bond: 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से करेंगे कार्रवाई', इलेक्टोरल बॉन्ड पर बोले CEC राजीव कुमार
Rajiv Kumar On Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कार्रवाई करेगा.
EC On Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजनीतिक पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले चंदे के बारे में डेटा प्रकाशित करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के दो दिन बाद शनिवार (17 फरवरी) को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने कहा कि आयोग हमेशा पारदर्शिता के पक्ष में रहा है और वह शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करेगा.
राजीव कुमार ने भुवनेश्वर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि चुनाव आयोग भी चुनावी बॉन्ड मामले में एक पक्ष था. उन्होंने कहा, "आपने हमारे हलफनामे देखे होंगे. आयोग ने हमेशा दो चीजों- सूचना प्रवाह के संदर्भ में पारदर्शिता और भागीदारी पर जोर दिया है.'' उन्होंने कहा कि आयोग हमेशा पारदर्शिता का पक्षधर रहा है और अब जब आदेश आ गया है तो हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कार्रवाई करेंगे.
#WATCH | On the Supreme Court's verdict on the electoral bonds, Chief Election Commissioner Rajiv Kumar says, " Whatever is the order (of Supreme Court). We were also a party in this case...our stand in the Supreme Court was that we are in favour of transparency...we will take… pic.twitter.com/NHqvokRTrX
— ANI (@ANI) February 17, 2024
राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की टीम इस साल अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव और विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर पहुंची थी.
EVM पर कोर्ट के फैसले का इंतजार
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रहे मामलों पर राजीव कुमार ने कहा कि कोर्ट के फैसलों का इंतजार है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बड़ी संख्या में मामले थे, जिन पर पहले ही फैसला हो चुका है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग इन निर्देशों के आधार पर काम करता है. जो भी फैसला आएगा और बदलाव की जरूरत होगी, हम उसके अनुसार करेंगे.
क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को निर्देश दिया है कि वह खरीदे गए सभी इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल साझा करे. इसमें खरीद की तारीख, खरीदार का नाम और वैल्यू शामिल हो. बैंक को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह राजनीतिक दलों की ओर से भुनाए गए हर एक इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल तीन हफ्ते के भीतर उपलब्ध कराए. चुनाव आयोग को 13 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर विवरण प्रकाशित करने के लिए कहा गया है.
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