दीपक मिश्रा ने आगे कहा कि मैं अब भी युवा हूं और आज भी सीख रहा हूं. न्याय का मानवीय चेहरा, मानवीय मूल्य होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम है और रहेगा. न्यायपालिका की स्वायत्तता सबसे अहम होती है. सच का रंग नहीं होता
इसके अलावा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के विदाई समारोह में भावी चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने भी भाषण दिया. उन्होंने कहा कि निर्भया मामले का फैसला देते वक्त जिस तरह से जस्टिस मिश्रा ने अपनी भावनाओं का इज़हार किया, वो स्वभाविक था. ये ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने नज़दीक आने वाले हर व्यक्ति में देशभक्ति और संवैधानिक मूल्यों के लिए आस्था जगाते हैं. जस्टिस रंजन गोगोई ने आगे कहा कि "आपको अच्छी यादों के साथ विदा कर रहे हैं. आपसे मिलते रहने की ख्वाहिश हमेशा बनी रहेगी"