Creche In Supreme Court: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (29 अगस्त) को क्रेच (Crech) का उद्घाटन किया. क्रेच (शिशुगृह) के उद्घाटन के बाद उन्होंने इसके महत्व पर बात की. साथ ही अन्य संस्थाओं को भी इससे प्रेरित होने का संदेश दिया.


मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "हमारे पास बड़ी संख्या में युवा वकील हैं जो काम करने के लिए हर दिन यहां आते हैं. हमारे पास लगभग 2500 सदस्यों का स्टाफ है. पहले का क्रेच लगभग 198 वर्ग मीटर का था. यह शिशुगृह 450 वर्ग मीटर का है."


सुप्रीम कोर्ट के क्रेच में कितने बच्चे रह सकेंगे?


उन्होंने कहा, 'इस क्रेच में वकीलों और कर्मचारियों के लगभग 100 बच्चे रह सकते हैं. हमारा विचार एक सुरक्षित, बहुत आकर्षक वातावरण बनाने का है. हमारे पास छोटे बच्चों के लिए एक खेल क्षेत्र, भोजन क्षेत्र, शयन क्षेत्र है.'


क्यों जरूरी है क्रेच?


सीजेआई चंद्रचूड़ ने बताया, "इसका उद्देश्य अधिक महिला वकीलों को अपने बच्चों की सुरक्षा के बारे में किसी भी अनिश्चितता के बिना कानूनी पेशे में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है. मुझे उम्मीद है कि अन्य संगठन हमसे प्रेरणा लेंगे और इन सुविधाओं का निर्माण करेंगे, क्योंकि यह एक तरीका है जिससे हम अधिक महिलाओं को कार्यस्थल में आने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं और बच्चों के लिए सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियां बना सकते हैं."


भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने क्रेच के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की एक शाखा का भी उद्घाटन किया. इस दौरान उनके साथ वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अन्य वकील भी मौजूद रहे. 


क्या होता है क्रेच?


क्रेच को डेकेयर सेंटर के नाम से भी जाना जाता है. ये एक ऐसी सुविधा है जहां छोटे बच्चों की देखभाल की जाती है, जब उनके माता-पिता या अभिभावक अपने कामों में व्यस्त होते हैं. क्रेच में बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन की शिक्षा के साथ ही कई गतिविधियां कराई जाती हैं. 


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