NEW DELHI: भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) को देश-दुनिया भर में कानूनी पेशे के लिए उनकी आजीवन सेवा के सम्मान में ‘‘अवॉर्ड फॉर ग्लोबल लीडरशिप’’ (Award for Global Leadership) के लिए चुना गया है. यह पुरस्कार उन्‍हें हार्वर्ड लॉ स्कूल सेंटर द्वारा प्रदान किया जाएगा.


हार्वर्ड लॉ स्कूल सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) के चीफ जस्टिस (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ 11 जनवरी को एक ऑनलाइन इवेंट में ‘‘अवॉर्ड फॉर ग्लोबल लीडरशिप’’ से सम्‍मानित किए जाएंगे.


11 जनवरी को होंगे पुरस्कृत


बता दें कि हार्वर्ड अमेरिका की प्रतिष्ठित संस्‍था है और डी वाई चंद्रचूड़ ने हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम की डिग्री और ज्यूरिडिकल साइंसेज (एसजेडी) में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्‍त की थी. अब ‘‘अवार्ड फॉर ग्लोबल लीडरशिप’’ के लिए होने वाले इवेंट में हार्वर्ड लॉ स्कूल के प्रोफेसर डेविड विल्किन्स भी चीफ जस्टिस (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ से बातचीत करेंगे.


2022 में भारत के 50वें CJI बने चंद्रचूड़


जस्टिस चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर, 2022 को भारत के 50वें मुख्‍य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी. वह 2 साल तक इस पद पर रहेंगे. वह अयोध्या भूमि विवाद मामले सहित कई ऐतिहासिक फैसले देने वाली शीर्ष अदालत की पीठ का हिस्सा रहे हैं. कई मामलों में उन्‍होंने केंद्र सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया था. जस्टिस चंद्रचूड़ के बारे में एक और बात भी खास है, देश में यह पहला मौका है जब पिता के बाद बेटा भी सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस बना है.


जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता भी थे CJI 


बता दें कि, जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता भी चीफ जस्टिस रह चुके हैं. उनका नाम यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ था. वह देश के 16वें चीफ जस्टिस थे. जस्टिस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ का कार्यकाल 22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985 तक, यानी लगभग 7 साल तक रहा था.


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