Chief Justice of India: चीफ जस्टिस एनवी रमना (NV Ramana) के रिटायर होने के बाद जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit) भारत के अगले सीजेआई (CJI) बन गए गए हैं. उनके नाम ऐसे दूसरे सीजेआई बनने का रिकॉर्ड है जो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले हाईकोर्ट में जज नहीं थे. उनसे पहले साल 1971 जस्टिस एसएम सीकरी सीधे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए गए थे. हालांकि जस्टिस यूयू ललित का चीफ जस्टिस के पद पर बने रहने का सफर अधिक लंबा नहीं रहेगा. वह 27 अगस्त को सीजेआई का पद संभालने के बाद आठ नवंबर 2022 को रिटायर हो जाएंगे.
जस्टिस कमल नारायण सिंह (Justice KN Singh) का 25 नवंबर से 13 दिसंबर, 1991 तक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) के तौर पर 18 दिनों का सबसे छोटा कार्यकाल था.
यूय ललित बने देश के 49वें चीफ जस्टिस
जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice Uday Umesh Lalit) ने देश के 49वें चीफ जस्टिस के रूप में आज शपथ ली. यूयू ललित का जन्म महाराष्ट्र के सोलापुर में साल 1957 में हुआ था. 1985 में उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की और फिर वो साल 1986 में दिल्ली आ गए थे. यूयू ललित कई अहम मामलों की सुनवाई कर चुके हैं. सीजेआई के रूप में जस्टिस यूयू ललित का कार्यकाल केवल 74 दिनों का होगा. आइए जानते हैं उन सीजेआई को जो 100 दिन भी अपने पद पर नहीं रहे.
100 दिन से कम पद पर रहने वाले CJI
- जस्टिस कमल नारायण सिंह का 25 नवंबर से 13 दिसंबर, 1991 तक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के तौर पर 18 दिनों का सबसे छोटा कार्यकाल था.
- जस्टिस एस राजेंद्र बाबू (Justice S Rajendra Babu) का दूसरा सबसे छोटा कार्यकाल 2 मई 31, 2004 से 30 दिनों का था
- जस्टिस जे सी शाह (Justice Jc Shah) का सीजेआई के रूप में 17 दिसंबर 1970 से 21 जनवरी 1971 तक 36 दिनों का कार्यकाल था
- जस्टिस गोपाल बल्लव पटनायक (Justice Gopal Ballabh Patnaik) ने 8 नवंबर से 18 दिसंबर, 2002 तक सीजेआई (CJI) के रूप में केवल 40 दिन सेवा दे पाए थे.
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