नई दिल्ली:  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दीपावली की रात दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में शाम 7 बजकर 39 मिनट पर दिवाली पूजन और मंत्रोचारण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री का परिवार और मंत्रिमंडल के उनके सहयोगी भी इस पूजा में शामिल रहे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दीपावली के अवसर पर दिल्ली वासियों को संदेश देते हुए कहा, आप सभी के घर में माँ लक्ष्मी का वास हो, सभी का मंगल हो. सभी देशवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं, आप सभी पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद सदा बना रहे.


सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, इस बार दीपावली पर हम सभी दिल्लीवासी मिलकर एक साथ लक्ष्मी पूजन कर रहे हैं. इस दौरान सभी लोग अपने घरों में टेलीविजन आन करके हमारे साथ एक ही स्वर में लक्ष्मी पूजन करें. अगर दिल्ली के दो करोड़ लोग साथ मिल कर एक ही स्वर में लक्ष्मी पूजा करेंगे, तो दिल्ली के हर परिवार में मंगल ही मंगल होगा. उन्होंने कहा, दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है, अगर हम पटाखे जलाते हैं, तो हम अपनी, अपने परिवार और पूरे दिल्ली के लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.


सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछली बार हम लोगों ने दीपावली के समय पटाखे नहीं जलाने की सौगंध खाई थी. इस बार भी हम सब लोग मिलकर दीपावली मनाएंगे, लेकिन किसी भी हालत में पटाखे नहीं जलाएंगे.


दिल्ली में इस वक्त कोरोना और प्रदूषण दोनों का बड़ा कहर छाया हुआ है. इस स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली के लोग और दिल्ली सरकार मिलकर प्रयास कर रहे हैं. प्रदूषण की वजह से कोरोना की स्थिति ज्यादा खराब हो रही है. हर साल इन दिनों में प्रदूषण होता है, क्योंकि पराली जलने का धुआं दिल्ली की तरफ आता है.


केजरीवाल ने कहा, दुख की बात यह है कि पिछले कई सालों से पराली जलने से यह प्रदूषण हो रहा है, लेकिन उन सरकारों ने अपने किसानों के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया. उन राज्यों के किसानों से मेरी बात हुई और किसानों ने कहा कि हम पराली जलाना नहीं चाहते हैं, पराली जलाने से हमारी जमीन के अंदर बैक्टीरिया खराब हो जाते हैं. बैक्टीरिया जल जाने से हमारी मिट्टी कम उपजाऊ होती है, लेकिन हमारे पास इसका समाधान क्या है, हमारी सरकारों ने हमारे लिए कुछ नहीं किया.


सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पराली के समाधान के लिए दिल्ली सरकार ने बहुत अच्छा कदम उठाया है. दिल्ली के लोगों और दिल्ली सरकार ने पूसा इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर पराली का एक समाधान दिया है कि अब पराली जलाने की जरूरत नहीं है. पूसा इंस्टीट्यूट ने एक केमिकल बनाया है, अगर पराली पर उस केमिकल का छिड़काव कर दें, तो करीब 20 दिन के अंदर पराली खाद में बदल जाती है.


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