Manipur violence: मणिपुर में हिंसा की नई घटनाओं में कई लोगों की मौत के बाद राज्य में रविवार (08 सितंबर) को सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई. अधिकारियों ने स्थिति के तनावपूर्ण होने की बात कही है. हालांकि, ये दावा भी किया गया कि राज्य की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. एक अधिकारी ने कहा कि रविवार को अभी तक हिंसा की कोई नई घटना दर्ज नहीं की गई है. विभिन्न जिलों के पुलिस अधिकारी सुरक्षा बलों के साथ मिलकर स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं.



अधिकारियों ने बताया कि असम राइफल्स ने किसी भी ड्रोन हमले से निपटने के लिए इंफाल घाटी के दूरस्थ इलाकों में ड्रोन रोधी प्रणालियां तैनात की हैं. बताया गया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने राज्य पुलिस को एक ड्रोन रोधी प्रणाली (Anti drone system) सौंपी है. मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष के बीच हमलों के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल होने लगा है.


ड्रोन का हो रहा इस्तेमाल


विस्फोटक गिराने के लिए रिमोट नियंत्रित ड्रोन का इस्तेमाल पहली बार इंफाल वेस्ट जिले के कौत्रुक गांव में एक सितंबर को हुआ था. उस हमले में बंदूकों का भी इस्तेमाल किया गया था और दो लोगों की मौत हो गई थी तथा नौ अन्य घायल हो गए थे. इससे अगले दिन करीब तीन किलोमीटर दूर सेंजाम चिरांग में फिर से ड्रोन का इस्तेमाल किया गया और इस हमले में तीन लोग घायल हुए.


हिंसा में पांच लोगों की हुई मौत


इस बीच, शनिवार रात को जिरिबाम जिले में निषेधाज्ञा आदेश लागू किया गया, जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक है. जिरिबाम में शनिवार को हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस के अनुसार, उग्रवादी एक व्यक्ति के घर में घुसे और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. इस हत्या के बाद संघर्षरत समुदायों के सदस्यों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें चार सशस्त्र लोगों की मौत हो गई.


एक्टिव हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह


मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में हिंसा की नयी घटनाओं के बीच रविवार सुबह 20 से अधिक विधायकों के साथ राज्यपाल एल आचार्य से मुलाकात की जिसकी जानकारी अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने बताया कि सिंह पूर्वाह्न लगभग 11 बजे विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे. उन्होंने बताया कि बैठक लगभग एक घंटे तक चली. 


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