मध्यप्रदेश विधानसभा में आज कई सालों बाद वो दिन आया जब प्रदेश के मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच आमने सामने मुद्दों पर बेजोड़ बहस हुई. मौका था बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का. जिस पर दो दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपना पक्ष रख चुके थे.


अब बारी थी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अपना पक्ष रखने और कमलनाथ के उठाये मुद्दों का जबाव देने की. जब शिवराज सिहं भाषण दे रहे थे तब कमलनाथ सदन में मौजूद रहें इसके लिये नव निर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विशेष पहल की थी. आज दोपहर बारह बजे सदन में सभी मौजूद थे. मुख्यमंत्री शिवराज उनके सारे मंत्री, सारे अफसर, सामने कमलनाथ कांग्रेस के पूरे सदस्य सभी मौजूद थे.


मुख्यमंत्री शिवराज और कमलनाथ के बीच चली बहस बाजी


पिछले मार्च में कोरोना काल में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद सदन पारंपरिक तौर पर नहीं लगी थी. इसलिये जब आज मौका आया तो कोई उसे हाथ से जाने देने को तैयार नहीं था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना भाषण पारंपरिक अंदाज में देना शुरू किया ही था कि पांच मिनिट गुजरने के बाद ही उनके सामने की बेंच पर बैठे नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने खड़े होकर उनके बयानों पर तीखी टिप्पणी करनी शुरू कर दिया. फिर तो यही सिलसिला करीब एक घंटे तक चला मुख्यमंत्री की बात पर जब नेता प्रतिपक्ष आपत्ति लेकर कुछ बोलते तो शिवराज बैठ जाते और जब शिवराज खड़े होते तो कमलनाथ बैठ जाते.


बात एमपी में डीजल-पेट्रोस की बढ़ती कीमतों की निकली तो कमलनाथ ने कहा कि शिवराज साइकिल चलाते थे अब जाने कहां गई मुझे ही दे दो. इस पर शिवराज ने चुटकी ली कि, “आप को दे तो देता मगर मुझे आपकी उम्र भी तो देखनी पड़ती है. शिवराज ने आगे कहा कि पुरानी सरकार खजाना खाली है का रोना रोती थी. आप पैसों की व्यवस्था नहीं कर सकते तो मुख्यमंत्री किस काम के मगर हमने किसानों के खातों में पैसे डाले आपने तो फसल बीमा का प्रीमियम भी नहीं भरा था. इस पर कमलनाथ भी खड़े हो गये ओर कहा कि, “ये मैं भी पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि हमारी सरकार ने फसल बीमा का पैसा भरा हुआ है. आपसे आंकड़े बाजी में जीतना कठिन है.”


किसानों की कर्जमाफी कहा हुई- शिवराज 


शिवराज ने फिर कहा कि, “आपका वचन पत्र मेरे पास है जिसमें कर्जा माफी सबसे उपर थी मगर कहां हुई.” इस बात पर फिर कमलनाथ खड़े हुये ओर कहा कि, “ये वचन पत्र पांच साल के लिये होता है हम ग्यारह महीने ही काम कर पाए इसलिये गुमराह नहीं करिये. आपकी सरकार ने विधानसभा में ही कहा कि छब्बीस लाख किसानों की कर्जा माफी हुई. कर्जा माफी पर थोड़ा शोर शराबा हुआ मगर बात फिर आई गई हो गई.”


कमलनाथ की सरकार उनके विधायकों के दलबदल से ही गिरी थी तो ये कैसे हो सकता था कि बात दलबदल की ना उठे. मजा ये था कि कल तक जो कांग्रेस के मंत्री थे उनमें से कई अब फिर मंत्री हैं मगर बीजेपी सरकार के. शिवराज ने कमलनाथ ने कटाक्ष किया और कहा कि, “आपके पास तो आपके विधायकों से मिलने का वक्त ही नहीं था इसलिये ये सब हमारे साथ आ गये. अब आप इन पर झूठे आरोप लगाते है. आपने इनकी कदर ही नहीं की.”


गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को लेकर कमलनाथ ने शिवराज पर किया कटाक्ष


कमलनाथ भी पीछे नहीं रहे शिवराज के बगल में बैठे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की तरफ इशारा कर कहा कि, “आपने भी इनकी कदर नहीं की क्योंकि जो ऑपरेशन हुआ उसकी शुरूआत तो इन्होंने की थी” शिवराज भी मुस्कुराये कहा, “ये भी हीरा है हमारा और हमारे साथ आज से नहीं सन नब्बे से है. किसी गलतफहमी में नहीं रहना.” बात संबल योजना की निकली शिवराज ने कहा कि, “आपने तो गरीबों की मदद करने वाली योजना ही बंद कर दी थी. उस योजना के कार्ड में मेरा फोटो था तो कार्ड ही फिकवा दिये.” जिस पर कांग्रेस की बेंच से उठ कर जीतू पटवारी ने कहा कि, “योजना को बंद करवाने वाले और आपकी फोटो पर आपत्ति करने वाले मंत्री आपके साथ बैठे हैं जिन्होंने केबिनेट को प्रजेंटेशन देकर योजना को बंद करने को कहा था.” इस पर बीजेपी सरकार में ग्रामीण पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह दायें बांये होते रहे.


इस पूरे हास परिहास में एक घंटे कब बीत गये पता नहीं चला. मगर ये चर्चा लंबे समय तक याद रहेगी जब विधानसभा में दोनों तरफ से कटाक्षों के तीर चले.


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