कोरोना के बीच मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश को दी बड़ी सौगात, रखी 14 मेडिकल कॉलेजों की नींव
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को राज्य में 14 मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी है. बताया जा रहा है कि नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य तीन साल के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. वहीं इसके निर्माण में 8 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है.
अमरावतीः आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने राज्य को मेडिकल क्षेत्र में बड़ी सौगात दी है. सोमवार को वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने राज्य में 14 मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी है. बताया जा रहा है कि पिदुगुरल्ला, मछलीपट्टनम, विजयनगरम, अनाकापल्ले, राजमुंदरी, अमलापुरम, पलाकोलू, एलुरु, बापटला, मरकापुरम, मदनपल्ले, पेनुकोंडा, नंद्याला और अडोनी में नए कॉलेजों के आने से राज्य में कुल 16 नए मेडिकल कॉलेज होंगे.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर संसदीय क्षेत्र में एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के साथ एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है. नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य 8,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तीन साल के भीतर पूरा होने की उम्मीद है, जबकि पुलिवेंदुला और पडेरू में दो मेडिकल कॉलेजों का निर्माण पहले से ही चल रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ आधुनिक अधोसंरचना और अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 500 बिस्तरों वाले अस्पताल भी स्थापित कर रही है.
फिलहाल आंध्र प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में पहले से कमी आई है लेकिन महामारी का कहर अभी थमा नहीं है. यहां हर दिन दस हजार से ज्यादा कोरोना केस आ रहे हैं. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने आंध्र प्रदेश में कर्फ्यू 10 जून तक बढ़ा दिया गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने ये जानकारी दी है. कर्फ्यू के नियम पहले जैसे ही लागू रहेंगे.
तीसरी लहर को लेकर तैयारियां शुरू
कोरोना वायरस की तीसरी लहर और इससे बड़े पैमाने पर बच्चों के प्रभावित होने की आशंका के बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने इससे निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस दिशा में सभी तकनीकी और चिकित्सा मुद्दों पर सरकार को सलाह देने और विभिन्न प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है. यह टास्क फोर्स अस्पतालों में सुविधाएं, बच्चों के लिए ऑक्सीजन मास्क, दवाओं और अन्य मुद्दों को देखेगा और आवश्यक सिफारिशें करेगा. मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अनिल कुमार सिंघल ने कहा, 'टास्क फोर्स को एक सप्ताह में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट देनी होगी.'
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