नई दिल्ली: कोरोना वायरस का दायरा और ज्यादा व्यापक होता जा रहा है. ऐसे में पूरे देश में लॉकडाउन है. मार्च से ही देश के तकरीबन सभी स्कूल बंद है. बहुत सारे बच्चों के फाइनल एग्जाम भी रुक गए थे. अब अप्रैल से नया सेशन शुरू होना था. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई का बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है. देश के तकरीबन सभी स्कूलों ने बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी है. शुरुआत में ज़ूम ऐप के जरिए कई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू करी थी. सरकार की तरफ से जब इस ऐप के बारे में जानकारी सामने आई के यह एप इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं है. स्कूलों ने फिर दूसरे ऐप जैसे व्हाट्सएप के जरिए बच्चों की क्लासेस जारी रखी.


ऑनलाइन क्लासेस में एक वक्त पर एक टीचर ऐप के जरिए क्लास के तमाम बच्चों से रूबरू होते है. वर्चुअल पढ़ाई करना और करवाना दोनों ही आसान नहीं है. खासकर छोटे बच्चों के लिए. भारत में ऑनलाइन क्लासेस का चयन इस कोरोनावायरस के महासंकट काल में ज्यादा बढ़ गया है.


ऑनलाइन क्लासेस में कई तरह की परेशानियां बच्चों, अभिभावकों और अध्यापको को आ रही है. सबसे बड़ी दिक्कत इंटरनेट कनेक्शन की आ रही है. क्लास के बीच में कनेक्टिविटी की परेशानी अगर आ जाती है तो बच्चे और टीचर दोनों के लिए ही मुश्किल होती है. जब तक इंटरनेट वापस से कनेक्ट होता है तब तक बच्चो का टॉपिक छूट जाता है और साथ साथ बच्चे का मनोबल भी कम हो जाता है.


दिल्ली में कक्षा 10 की छात्रा काकुली बताती हैं ; पहले हमारी ऑनलाइन क्लासेस ज़ूम ऐप पर होती थी लेकिन अब व्हाट्सएप पर होती हैं. ऑनलाइन क्लास में वह माहौल नहीं बन पाता है जो क्लास रूम में होता है. कुछ चीजें समझ नहीं आती है तो क्लास रूम में हम दूसरे बच्चे का देख लेते थे लेकिन ऑनलाइन क्लासेस में ऐसा नहीं है.


तो वही कक्षा 9 का छात्र ज़ैद कहता है ; कोरोना पूरे वर्ल्ड में स्प्रेड हो चुका है. जिससे काफी लोगों की जानें जा चुकी हैं और बहुत सारे लोग इनफेक्टेड हैं. ऑनलाइन क्लासेस शुरू हो गए हैं. हमें स्टडीज का लॉस नहीं हो रहा है. ऑनलाइन क्लास के बेनिफिट्स यह है कि हम कहीं भी बैठकर इसको कर सकते हैं, जरूरी चीजों के स्क्रीन शॉट भी ले सकते हैं.


ऑनलाइन क्लास के कुछ फायदे तो कुछ नुकसान भी हैं. शुरू में बच्चे इससे खुश थे तो अब बच्चों को भी इससे कठिनाइयां आ रही हैं. ऑनलाइन क्लास में जितनी परेशानियां बच्चों को आ रही है उतनी ही कठिनाईया अभिभावकों को भी आ रही है. कुछ अभिभावकों का कहना है की ऑनलाइन क्लास की वजह से बच्चे बिज़ी तो रहते हैं लेकिन पढ़ाई कुछ खास नहीं हो रही. बच्चों के बहुत सारे डाउट क्लियर नहीं हो पाते हैं और अब बच्चों को इस में ज्यादा दिलचस्पी भी नहीं आ रही है. 10th और 12th वाले बच्चों के लिए यह ज्यादा मुश्किल वक्त है . क्योंकि कोर्स पूरा करना वक्त से बहुत जरूरी होता है. ऑनलाइन क्लास में बच्चे उतना नहीं समझ पा रहे हैं जिस वजह से बच्चों में स्ट्रेस बहुत ज्यादा बढ़ रहा है.


बच्चों और अभिभावकों की इस स्थिति के बारे में जब हमने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल की चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट डा. रोमा कुमार से बात की तो उन्होंने बताया की ; बेहतर होगा कि बच्चों की गर्मियों की छुट्टियाँ बढ़ा दी जाएँ क्योंकि वर्चुअल क्लासेज़ से शुरू में बच्चे ख़ुश थे लेकिन अब उन्हें स्ट्रेस हो रहा है एग्ज़ाइटी हो रही है, घुटन हो रही.