कोरोना वायरस महामारी की वजह से इसबार रिपब्लिक डे परेड कार्यक्रम में बदलाव किया गया है. इस साल परेड रूट की दूरी को घटा दिया गया है. वहीं इस साल परेड देखने के लिए केवल 25 हज़ार दर्शक ही शामिल हो पाएंगे. वहीं, 15 साल से कम उम्र के बच्चों को परेड में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई है.
इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया, "परेड विजय चौक से शुरू होकर नेशनल स्टेडियम तक आकर खत्म की जाएगी. बीते साल तक परेड 8.2 किमी की होती थी, जबकि इस साल केवल 3.3 किमी की होगी. परेड के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी खास ख़याल रखा जाएगा. कोविड-19 गाइडलाइन्स के तहत मास्क का प्रयोग करना भी आवश्यक होगा. इसके अलावा, लोगों से भी एक दूसरे से उचित दूरी बनाए रखने की अपील की गई है.
इसबार नहीं होगा कोई चीफ गेस्ट
देश के लिए 26 जनवरी का दिन बेहद खास है. 26 जनवरी को देश राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस मनाता है. गणतंत्र दिवस के अवसर पर दूसरे देशों के राष्ट्रप्रमुख, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाता रहा है. लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष मुख्य अतिथि नहीं होंगे. कोरोना की वजह से सरकार ने ये फैसला लेने की बात कही है. साल 1966 के बाद पहली बार होगा जब गणतंत्र दिवस समारोह में चीफ गेस्ट नहीं होंगे.
1966 के गणतंत्र दिवस समारोह में नहीं था कोई विदेशी अतिथि
देश में 1950 में पहली बार बनाए गए गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री सुकर्णो मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. इसके बाद 1951 में नेपाल के राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. एक रिपोर्ट के अनुसार साल 1966 के बाद पहली बार ऐसा होगा कि कोई विदेशी गेस्ट मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं होगा. 1952 और 1953 में भी रिपब्लिक डे परेड का गवाह कोई विदेश मुख्य अतिथि नहीं बन सका.
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