नई दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनावों की तारीखों का जल्द एलान होने वाला है. जिसको लेकर सियासी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने रैली कर दिल्ली में बीजेपी का चुनावी शंखनाद किया है. वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बाल दिवस की तारीख बदलने की मांग की है. मनोज तिवारी की इस मांग पर राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां बढ़ गई हैं.
मनोज तिवारी ने अपने पत्र में लिखा है, "हमारे देश में बच्चों ने भी अनेक बलिदान दिए हैं और उनमें से सर्वोत्कृष्ट बलिदान सिखों के दशम गुरु साहिब श्री गुरूगोविंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों, साहिबजादा जोराबर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी की है जिन्होंने सरहिंद पंजाब में 1705 ई को पौष माह के कड़कती सर्दी में फतेहगढ़ साहिब के ठंडे बुर्ज पर प्रतिपूर्ण साहस दिखाते हुए धर्म की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी थी.''
अपनी चिट्ठी में उन्होंने आगे लिखा, ''मेरे विचार में इन बहादुर बच्चों की शाहदत की याद में उनके बलिदान दिवस को यदि बाल दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह देश के सारे बच्चों के लिए प्रेरणा के स्त्रोत के रूप में काम करेगा. मेरा आपसे यह अनुरोध है कि इन बहादुर बच्चों के बलिदान व साहस को ध्यान में रखते हुए उनके शाहदत के दिन प्रतिवर्ष बाल दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की जाए.''
इसपर मनोज तिवारी ने कहा, ''मेरी एक भावना है. मैंने लिखी है. गुरु गोविंद सिंह के शहज़ादों ने ठिठुरती ठंड में कुर्बानी दी धर्म को बचाने के लिए. वो बच्चों के प्रेरणास्रोत हैं. 28 दिसंबर को शहादत दिवस है उनका. 14 नवंबर से हमें कोई मतलब नहीं है. नेहरू जी अपनी जगह हैं. इसे चुनाव से जोड़कर देखना ठीक नहीं है.''
UIDAI के मुताबिक 30 नवंबर 2019 तक दिल्ली की जनसंख्या लगभग 1.85 करोड़ है. इस बढ़ी अबादी का चार फीसदी यानी करीब 7 लाख 40 हजार सिख मतदाता है. ऐसे में विधानसभा चुनावों में कोई भी पार्टी सिख वोटरों को नजरअंदाज नहीं कर सकती है. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन यानी 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. बात नेहरू पर आई तो मनोज तिवारी के बहाने कांग्रेस ने बीजेपी को जमकर कोसा.
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