बच्चे हो, बूढ़े हो या जवान, इस बार सब की सेहत हो रही है खराब. अगर बच्चों को सर्दी जुखाम हो रहा है तो वह ठीक होने का नाम ही नहीं ले रहा है. चाहे आप ठीक होने के लिए कितनी भी दवाई खा रहे हो डॉक्टर भी इस बात से हैरान हैं कि बच्चों को हुआ वायरल फीवर या सर्दी जुखाम जो महज 3 से 5 दिनों के अंदर ठीक हो जाए करता था. अब लंबे समय तक ठीक नहीं हो रहा है.
बढ़ते प्रदूषण के चलते लोग लंबे समय तक बीमार पड़ रहे हैं. अस्पताल में पहुंचने वाले लोगों की संख्या भी करीब 15 प्रतिशत तक बढ़ गई है. जिनको इस प्रदूषण से सांस लेने में दिक्कत हो रही है. साथ ही तरह-तरह की बीमारियों का लोग सामना कर रहे हैं.
'7 साल का बेटा महीनों से बीमार'
नोएडा के सेक्टर 93 में रहने वाली वैष्णवी ने बताया कि उनके 7 साल का बेटा काफी बीमार रहने लगा है. पहले उसे सर्दी खांसी जुखाम होता था तो जल्दी ठीक हो जाता था. अब उनका बेटा महीनों से बीमार चल रहा है और कई डॉक्टर को दिखाया है. बीमारी पर दवाई का कोई खास असर होता दिखाई नहीं दे रहा है. बच्चे को सांस लेने में दिक्कत, सर्दी और जुखाम लम्बे समय से है. बच्चे की बीमारी से माता-पिता काफी परेशान है.
निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं बच्चे
ठंड बढ़ने की वजह से बच्चे निमोनिया की चपेट में भी आ रहे हैं. पीडियाट्रिशियन डॉ. डीके गुप्ता का कहना है कि ओपीडी में बच्चे निमोनिया से ग्रस्त आ रहे हैं. निमोनिया के लक्षणों को समय से पहचान कर इलाज शुरू कर बच्चों का बचाव कर सकते है.
निमोनिया से बचाव का बेस्ट तरीका टीकाकरण
पांच साल से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों में निमोनिया होने पर उन्हें सांस लेने तथा दूध पीने में भी दिक्कत होती है. जबकि खसरा एक अत्यधिक संक्रामक रोग है जो खसरा वायरस के कारण होता है. बुखार और चकत्ते के अलावा कान में संक्रमण, दस्त और निमोनिया जैसी विभिन्न बीमारियां होने संभावना रहती है. खसरे से बचाव के लिए टीकाकरण अत्यधिक प्रभावी है.
निमोनिया से बचने का सबसे बेस्ट तरीका टीकाकरण है. न्यूमोकॉकल वैक्सीन, पीसीवी 13, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप बी, यह वैक्सीन आपको बैक्टेरियल निमोनिया से बचा सकती हैं. इसके सात ही साबुन या हैंडवॉश से नियमित रूप से कई बार हाथों को धोते रहें.
निमोनिया के लक्षण
- छाती में दर्द, खासकर जब आप सांस लेते हैं
- कफ या बलगम पैदा करने वाली खांसी, बलगम पीले, हरे,
- खून के रंग जैसे अलग-अलग हो सकते हैं
- अत्यधिक थकान
- भूख में कमी
- बुखार
- पसीना और ठंड लगना
- जी मचलाना और उल्टी
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