प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से देशभर में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए चलाये जा रहे स्पेशल ओलंपिक भारत सरकार के कार्यक्रम 'आजादी के अमृत महोत्सव' के तहत लखनऊ में मोहान रोड पर स्थित डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में 'नेशनल हेल्थ फेस्ट फ़ॉर दिव्यांगजन' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों और उनके अभिभावकों एवं अध्यापकों के बीच आमंत्रित मुख्य अतिथि सरोजिनी नगर क्षेत्र के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने मंच से दिए अपने ओजस्वी भाषण से बच्चों का खूब मनोबल बढ़ाया.


इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि यह विशेष बच्चे समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं. शारीरिक कमी के बावजूद जिस तरह की प्रतिभा इन बच्चों ने दिखायी है उसकी तारीफ के लिए शब्द कम पड़ते हैं. मैं इन बच्चों का कौशल देख कर अभिभूत हूं.' उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि इस कार्यक्रम में आने और बच्चों को सम्बोधित करने का सुअवसर उन्हें मिला.



बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्होंने बताया कि भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों ही दिव्यांग बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए वचनबद्ध है. उनके कौशल विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्ट में संशोधन किया और विशेष बच्चों के लिए अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराईं हैं. इस एक्ट में पहले जहां सिर्फ 7 प्रकार की शारीरिक अक्षमता को रखा गया था, वहीं अब उसकी संख्या बढ़ा कर 21 कर दी गयी है. इसी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विकलांगजनों के लिए कई योजनाओं का शुभारंभ किया है.


उन्होंने दिव्यांग जनों को दी जा रही रु. 500/- प्रतिमाह की धनराशि को बढ़ा कर रु. 1500/- कर दिया है. इसी के साथ सरकारी सेवा में भी पहले जहां तीन प्रतिशत आरक्षण प्राप्त था, अब उसे चार प्रतिशत कर दिया गया है. डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार दिव्यांग बच्चों की बेहतर शिक्षा, विकास और रोजगार के प्रति गंभीर है. पैरा ओलंपिक में जिस प्रकार दिव्यांग बच्चों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करके देश का नाम विश्व में ऊंचा किया है, उससे हम सबका सिर गर्व से ऊंचा हुआ है. इस अवसर पर डॉ. राजेश्वर सिंह ने जानी मानी नृत्यांगना और अभिनेत्री सुधा चंद्रन और महान संगीतकार रवींद्र जैन को याद किया, जिन्होंने दिव्यांग होने के बावजूद अभिनय और संगीत के क्षेत्र में देश का नाम विश्व में ऊंचा किया. 




इस अवसर पर दिव्यांग बच्चों की क्षमताओं को देख कर भावविभोर हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने बच्चों को भारत का भविष्य बताते हुए उनकी हर संभव मदद करने का वादा किया. उन्होंने कहा कि वे चौबीस घंटे उनके लिए उपस्थित हैं. उनके स्कूल में एडमिशन से लेकर कौशल विकास तक जो भी मदद दरकार होगी, वे उसके लिए तत्पर हैं. बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए इस अवसर पर डॉ. राजेश्वर सिंह के साथ शहर की महापौर संयुक्ता भाटिया भी उपस्थित रहीं. इनके अलावा प्रो कृष्ण पाल सिंह, शिशिर, रमेश पाण्डेय, डॉ सुधा बाजपेयी, वीके सिंह, श्रीमती रश्मि एवं एजाज अख्तर सिद्दीकी जैसे गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति सभागार में रही.


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