चीन ने कोविड-19 महामारी के कारण लागू की गई वीजा और उड़ान पाबंदियों के कारण लगभग दो साल से भारत में फंसे 'कुछ' भारतीय स्टूडेंट्स को वापस आने की इजाजत देने संबंधी योजना की शुक्रवार को घोषणा की. इस घोषणा से चीनी विश्वविद्यालयों में दाखिला लिए हजारों भारतीय स्टूडेंट्स को राहत मिली है.


भारतीय दूतावास ने कहा कि चीन लौटना चाह रहे भारतीय छात्र आठ मई तक मिशन की वेबसाइट पर एक 'गूगल फॉर्म' भरकर जरूरी जानकारी दे दें.


चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, 'पढ़ाई के लिए चीन लौटने को लेकर भारतीय छात्रों की चिंताओं को हमारा देश काफी अहमियत देता है. हमने अन्य देशों के छात्रों के चीन लौटने की प्रक्रिया और अनुभव को भारतीय पक्षों के साथ साझा किया है.'


उन्होंने कहा, 'भारतीय स्टूडेंट्स की वापसी के लिए काम शुरू हो चुका है. भारतीय पक्ष को केवल उन स्टूडेंट्स की लिस्ट देनी है, जिन्हें वास्तव में चीन वापस आने की जरूरत है.'


इससे पहले आई खबरों के अनुसार 23,000 से अधिक भारतीय स्टूडेंट्स, जिनमें से ज्यादातर चीनी कॉलेजों में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं, स्वदेश लौटने के बाद भारत में फंस गए हैं. ये स्टूडेंट्स दिसंबर, 2019 में चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद स्वदेश लौट आये थे. चीनी सरकार की ओर से लगाई गई पाबंदियों के कारण वे चीन वापस नहीं आ पाए थे.


झाओ ने कहा, 'चीन में बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं. भारत को ऐसे स्टूडेंट्स के बारे में जानकारी जमा करने के लिए कुछ समय की जरूरत हो सकती है.'


उन्होंने कहा, ‘‘चीन महामारी की जटिल स्थिति में कुछ भारतीय छात्रों को वापस बुलाने के लिए तैयार है. पढ़ाई के लिए चीन लौटने वाले विदेशी स्टूडेंट्स के संदर्भ में हमें अंतरराष्ट्रीय महामारी की स्थिति और उभरती परिस्थितियों ध्यान में रखना होगा. यह नियम सभी विदेशी स्टूडेंट्स पर समान रूप से लागू होता है.’’


भारतीय स्टूडेंट्स की वापसी की समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर, झाओ ने कहा कि भारत में चीनी दूतावास और संबंधित पक्ष स्टूडेंट्स की वापसी के संबंध में काम करेंगे. चीन की इस घोषणा के बाद, यहां भारतीय दूतावास ने लौटने की चाह रखने वाले स्टूडेंट्स का विवरण मांगा है.


भारतीय दूतावास ने कहा, '25 मार्च 2022 को भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक के बाद, चीनी पक्ष ने भारतीय स्टूडेंट्स की वापसी को आसान बनाने पर विचार करने की इच्छा जताई है.' 


इसमें कहा गया कि भारतीय दूतावास को ऐसे स्टूडेंट्स की एक सूची तैयार करनी है, जो पढ़ाई के लिए चीन वापस जाना चाहते हैं. इसमें कहा गया है कि भारतीय स्टूडेंट्स से अनुरोध है कि वे आठ मई 2022 तक इस संबंध में जरूरी जानकारी दे दें.


बयान में कहा गया है, 'यह जानकारी चीनी पक्ष के साथ साझा की जाएगी, और इसके बाद वे सूची को वेरिफाई करने के लिए संबंधित चीनी विभागों से सलाह करेंगे और जानकारी देंगे कि क्या ये स्टूडेंट्स सिलेबस को पूरा करने के लिए चीन की यात्रा कर सकते हैं या नहीं.' इसमें कहा गया है कि यह समन्वय प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी.


इसमें कहा गया है कि चीनी पक्ष ने यह भी बताया है कि योग्य छात्रों को कोविड-19 रोकथाम उपायों का पालन करना होगा और कोविड रोकथाम उपायों से संबंधित सभी खर्चों को स्वयं वहन करने के लिए सहमत होना होगा.


हाल के महीनों में, चीन ने पाकिस्तान, थाईलैंड, सोलोमन द्वीप और श्रीलंका जैसे कुछ मित्र देशों के छात्रों को वापस आने की अनुमति दी है लेकिन भारतीय छात्रों के साथ-साथ चीन में काम कर रहे भारतीयों के परिवार के सैकड़ों सदस्यों को वापस आने की अनुमति देने के बारे में चुप्पी साधे हुआ था.


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