नई दिल्लीः जैश के सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रद्द हो गया है. चीन ने UNSC में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया है. इस तरह भारत समेत फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन की मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने की कोशिशों को झटका लगा है. सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य चीन ने एक बार फिर अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित होने से रोक दिया है.
जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने पर आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फैसला होने था. हालांकि दोपहर में ही खबर आ गई थी कि इसमें चीन अड़ंगा लगाएगा. चीन ने ऐसे संकेत देते हुए कहा था कि जो सभी पक्षों को स्वीकार्य हो ऐसा समाधान निकाला जाना चाहिए.
27 फरवरी को फ्रांस, यूके और अमेरिकी की तरफ से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंधित कमिटी के तहत मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा गया था.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराने का आज आखिरी दिन था. अगर आज शाम तक सुरक्षा परिषद का कोई सदस्य मसूद के नाम पर आपत्ति नहीं जताता तो मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती थी लेकिन चीन ने एक बार फिर इस मामले के लटका दिया है. चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है और इसलिए वीटो इस्तेमाल करने की शक्ति रखता है.
भारत ने सौंपी थी मसूद की रिकॉर्डिंग
पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की कूटनीतिक घेराबंदी में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सदस्यों को जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर की गतिविधियों का एक पूरा डोजियर सौंपा है. साथ ही भारत ने पहली बार मसूद अजहर की फरवरी 2019 में सामने आई ऑडियो रेकॉर्डिंग भी सौंपी है. यह पहला मौका है जब भारत ने इस तरह ऑडियो साक्ष्य सुरक्षा परिषद को मुहैया कराए थे. इस रेकॉर्डिंग में मसूद को भारत के खिलाफ ज़हर उगलते और आतंकियों को हमलों के लिए उकसाते सुना जा सकता है.