पहले अरुणाचल अब हिंद महासागर... बढ़ रही चीन की हिमाकत, बदले 19 समुद्री तलों के नाम
China Changes Seabed Names: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अब चीन ने दक्षिणी हिंद महासागर में स्थित 19 सम्रुदी तलों के नामों को बदला है.
China Name Indian Ocean: चीन ने एक बार फिर से अपने विस्तारवादी इरादों का संकेत दिया है. पहले चीन ने अरुणाचल से जुड़ी 11 जगहों का नाम अपने नक्शे में बदला था अब दक्षिणी हिंद महासागर की गहराई में स्थित 19 सम्रुदी तलों के नाम बदल दिए हैं. चीन की मीडिया ने इसे बीजिंग की "सॉफ्ट पावर" प्रोजेक्शन करार दिया है. शी जिनपिंग की इस हिमाकत को हिंद महासागर में उनके बढ़ते दखल के रूप में भी देखा जा रहा है.
इतना ही नहीं चीन ने इससे पहले 'हिंद महासागर' शब्द पर ही आपत्ति जताई थी और कहा था कि हिंद महासागर भारत का महासागर नहीं है. हिंद महासागर में नामित 19 समुद्र तल सुविधाओं में से 6 विशेषताएं ओमान के तट से दूर हैं. 4 विशेषताएं मेडागास्कर के तट से दूर हैं, आठ भारतीय के दक्षिण-पश्चिम रिज पर हैं और एक अंटार्कटिका की ओर गहरे हिंद महासागर से पहले है. इससे पहले साल 2020 में योगू सीमाउंट और युगु हिल का प्रस्ताव में दिया गया था.
हिंद महासागर में नाम बदलने के मायने
साल 2020 में ही COMRA की तरफ से एक अन्य हौक्सियन सीमाउंट का नाम प्रस्तावित किया गया था. इसके बाद सनबोआ हिल नाम की एक जगह प्रस्तावित की गई थी और साल 2018 में COMRA ने तेनलॉन्ग सीमाउंट नामक एक और प्रस्ताव दिया था. पूर्व भारतीय विदेश सचिव के अनुसार अरुणाचल प्रदेश में भौगोलिक संस्थाओं का नाम बदलना यह दिखाने के लिए है कि यह क्षेत्र बीजिंग की तरफ से झंगनान या दक्षिण तिब्बत के रूप में विवादित है.
दूसरी तरफ हिंद महासागर में सुविधाओं का नामकरण करना इंडो-पैसिफिक में शासन को प्रोजेक्ट करना है. भारतीय अधिकारियों ने कहा कि इन घटनाओं को चिंता के साथ नोट किया गया है और मध्य साम्राज्य की साम्राज्यवादी मानसिकता का जवाब जल्द ही मिलने की उम्मीद है.
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