India China Border Row: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन सीमावर्ती इलाकों में लगातार सैनिकों और सैन्य साजो-सामान की तैनाती कर रहा है. चीन के भड़काने वाले व्यवहार, यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने की कोशिश के परिणामस्वरूप पूर्वी लद्दाख में एलएसी से लगते इलाकों में शांति भंग हुई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ''चीन की गतिविधियों की प्रतिक्रिया में भारतीय सशस्त्र बलों ने उचित जवाबी तैनाती करनी पड़ी है.'' उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि चीनी पक्ष पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान की दिशा में काम करेगा.
चीन ने हाल में आरोप लगाया है कि दोनों देशों के बीच तनाव का "मूल कारण" नई दिल्ली द्वारा "आगे बढ़ने की नीति" का अनुसरण करना और चीनी क्षेत्र पर "अवैध रूप से" अतिक्रमण करना है. इसके जवाब में भारत की प्रतिक्रिया आई है.
गुरुवार को ही थल सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा पर घटनाएं तब तक होती रहेंगी, जब तक कि दोनों देशों के बीच सीमा समझौता नहीं हो जाता है. बता दें कि भारत और चीन के बीच मौजूदा सीमा गतिरोध पिछले साल मई में पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद शुरू हुआ था. दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों की तैनाती बढ़ा दी थी. पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद यह गतिरोध बढ़ गया था.
भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर है. चीन अरूणाचल प्रदेश को दक्षिणी चीन बताते हुए अपना हिस्सा होने का दावा करता है, जबकि भारत उसके दावे को खारिज करता रहा है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 27 सितंबर को अधिकारियों ने कहा कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी ओर, ऊंचाई वाले कई अग्रिम क्षेत्रों में जवानों के लिए नए मॉड्यूलर कंटेनर आधारित आवास (अस्थायी टेंट) स्थापित किए हैं. ये टेंट अन्य स्थानों के अलावा ताशीगोंग, मांजा, हॉट स्प्रिंग्स और चुरुप के पास लगाए गए हैं.
बाराहोती में घुसपैठ
28 सितंबर को भी सूत्रों ने बताया था कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 100 सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन कर पिछले महीने उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में घुस आए थे. सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि यह घटना 30 अगस्त की है और चीनी सैनिक कुछ घंटे बाद वापस लौट गए.
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान इस क्षेत्र में तैनात हैं. सूत्रों ने बताया कि जवाबी रणनीति के तहत भारतीय सैनिकों ने क्षेत्र में गश्त की.
सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों द्वारा एलएसी के बारे में अलग-अलग धारणाओं के कारण बाराहोती में मामूली उल्लंघन की घटनाएं हो रही हैं. हालांकि, भारतीय अधिकारियों को 30 अगस्त की घटना के दिन सीमा पार आने वाले चीनी सैनिकों की संख्या को लेकर आश्चर्य हुआ.