नई दिल्लीः जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने पर आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फैसला होने वाला है. हालांकि एक बार फिर इसमें चीन के अड़ंगा लगाने की खबरें सामने आ रही हैं. ऐसी रिपोर्ट हैं कि चीन फिर मसूद अजहर को इस कार्रवाई से बचाने के चक्कर में है. चीन ने ऐसे संकेत देते हुए कहा है कि जो सभी पक्षों को स्वीकार्य हो ऐसा समाधान निकाला जाना चाहिए.


27 फरवरी को फ्रांस, यूके और अमेरिकी की तरफ से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंधित कमिटी के तहत मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा गया था.


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराने का आज आखिरी दिन है. आज शाम तक सुरक्षा परिषद का कोई सदस्य मसूद के नाम पर आपत्ति नहीं जताता है तो मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. हालांकि चीन ने एक बार फिर ऐसे संकेत दिए हैं कि ये प्रस्ताव फिर लटक सकता है. चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है और इसलिए वीटो इस्तेमाल करने की शक्ति रखता है.


पहले भी चीन लगा चुका है अड़ंगा
चीन ने पहले मार्च 2016 और फिर अक्टूबर 2016 में भारत की कोशिशों को रोक दिया. 2017 में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति 1267 में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन के प्रमुख पर प्रतिबंध की मांग की गई थी. इस प्रस्ताव पर चीन ने अड़ंगा लगा दिया था.


मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने की भारत की कोशिश कब शुरू हुई?
जैश-ए-मोहम्मद ने जब पठानकोट में वायु सेना अड्डे पर हमले की जिम्मेदारी का दावा किया था तब भारत ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की थी कि उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया जाए. भारत ने यूएनएससी (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) की समिति के सामने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने की मांग की.


मसूद अजहर पर फैसला आज, UNSC में ग्लोबल आतंकी के प्रस्ताव पर आपत्ति का आखिरी दिन