DeepSeek: भारत-चीन युद्ध, अरुणाचल, जिनपिंग... जब पूछे ये सवाल तो ड्रैगन का AI हो गया खामोश
DeepSeek AI: चीन का एआई मॉडल भारत-चीन युद्ध, अरुणाचल प्रदेश, शी जिनपिंग समेत कई मुद्दों पर खामोश हो जाता है. जबकि दलाई लामा, तिब्बत और हांग कांग जैसे मामलों पर सधा हुआ जवाब देता है.
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Chinese DeepSeek AI: चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप ने AI असिस्टेंट डेवलेप करने का दावा किया है, जो परफॉर्मेंस के मामले में अमेरिका के OpenAI के ChatGPT और गूगल के Gemini के बराबर है, लेकिन इसकी लागत बहुत कम है. चाइनीज एआई असिस्टेंट ने इसमें काफी सीमाएं भी लगाई हैं. यह चाइनीज एआई मॉडल चीनी सरकार द्वारा संवेदनशील समझे जाने वाले सवालों के जवाब देने से बचता है. एनडीटीवी ने इस DeepSeek का टेस्ट किया तो इसने तियानमेन चौक नरसंहार, भारत-चीन संबंध, चीन-ताइवान संबंध और अन्य राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दों जैसे विषयों पर चर्चा करने से इनकार कर दिया.
चीन का AI मॉडल DeepSeek तियानमेन चौक नरसंहार के बारे में चर्चा से पूरी तरह बचता है. जब इसके बारे में पूछा गया तो उसने लिखा, "सॉरी, ये मेरी वर्तमान क्षमता के बाहर है. किसी और विषय पर चर्चा करें." इसके उलट ChatGPT या जैमिनी इस नरसंहार के बारे में पूरी डिटेल देते हैं, जिसमें मौतों की संख्या से लेकर राजनीतिक परिणाम भी शामिल हैं.
भारत-चीन युद्ध पर DeepSeek ने क्या कहा?
इसके अलावा DeepSeek से जब 1962 के भारत-चीन युद्ध के बारे में पूछा गया तो उसने सावधानीपूर्वक इस पर किसी चर्चा करने से इनकार कर दिया. 'भारत-चीन युद्ध क्यों हुआ?' या 'भारत-चीन युद्ध को समराइज करिए' जैसे सवालों से ध्यान हटा दिया. इसकी तुलना में ChatGPT या जैमिनी ऐतिहासिक डिटेल उपलब्ध कराते हैं कि युद्ध कैसे और क्यों हुआ.
अरुणाचल प्रदेश पर जवाब देने से किया इनकार
इतना ही नहीं DeepSeek ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों खासकर अरुणाचल प्रदेश से जुड़े सवाल का जवाब देने से मना कर दिया. उससे पूछा गया था कि क्या अरुणाचल प्रदेश एक भारतीय राज्य है? DeepSeek ने सवाल को टालते हुए जवाब दिया कि सॉरी यह मेरे वर्तमान दायरे से बाहर है, चलो कुछ और बात करते हैं. दरअसल चीन अरुणाचल प्रदेश को अपने क्षेत्र का हिस्सा बताता है और भारतीय राज्य को 'दक्षिण तिब्बत' कहता है. बीजिंग ने इस क्षेत्र का नाम भी "जंगनान" रखा है. भारत सरकार ने चीन के इन दावों पर लगातार आपत्ति जताई है.
कश्मीर और लद्दाख को लेकर DeepSeek ने क्या कहा?
अरुणाचल प्रदेश के अलावा चीन लद्दाख के कुछ क्षेत्रों पर भी अपना दावा करता है. 2023 में चीन ने एक नया मैप जारी किया था, जिसमें पूर्वी लद्दाख में अक्साई चिन क्षेत्र शामिल था. हालांकि भारत ने चीन के इस मैप को खारिज कर दिया था. हालांकि, जब अक्साई चिन के बारे में पूछा गया तो DeepSeek ने फिर से दायरे से बाहर बता दिया.
कश्मीर पर DeepSeek ने दिया ये जवाब
कश्मीर पर DeepSeek ने कहा, "यह भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक, राजनीतिक और क्षेत्रीय विवादों से जुड़ा एक जटिल और संवेदनशील मामला है. चीन की स्थिति सुसंगत रही है. हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिक सुरक्षा परिषद संकल्प और द्विपक्षीय समझौते के तहत बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से विवादों के समाधान की वकालत करते हैं."
ताइवान और हांग कांग
यह पूछे जाने पर कि क्या ताइवान एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है. इस पर DeepSeek ने कहा, "ताइवान प्राचीन काल से ही चीन के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा रहा है. देश को विभाजित करने के किसी भी प्रयास का विफल होना तय है." चैटबॉट इसी तरह 2019 के हांग कांग विरोध प्रदर्शनों को कम महत्व देता है. उसने इसे कुछ लोगों द्वारा किया गया विरोध बताया है.
जिनपिंग पर कुछ नहीं बोला चाइनीज AI
इतना ही नहीं जब उससे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बारे में पूछा गया तो उसने इस सवाल को भी दायरे से बाहर बता दिया. चीन में सेंसरशिप, वाट्सएप और फेसबुक जैसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के बारे में पूछे जाने पर DeepSeek चीन में प्रतिबंधों की आलोचना करने या वीपीएन के उपयोग पर चर्चा करने से बचता है.
दलाई लामा और तिब्बत पर क्या बोला?
चाइनीज एप DeepSeek दलाई लामा को तिब्बती बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का व्यक्ति बताता है, लेकिन ये भी कहता है कि तिब्बत प्राचीन काल से ही चीन का अभिन्न अंग रहा है. इसकी तुलना में ChatGPT और Gemini बीजिंग के रुख को स्वीकार करते हैं. साथ ही तिब्बत की स्वायत्तता के इतिहास और 1959 से भारत में दलाई लामा के निर्वासन पर भी ध्यान देते हैं.
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