नई दिल्ली: चीन ने कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं को नाथुला के रास्ते से होकर जाने पर रोक दिया है. यात्रा के लिए दो जत्थे गंगटोक में रुके हैं. पहले जत्थे में 47 यात्री हैं जबकि दूसरे में 44 यात्री हैं जो सिक्किम की राजधानी गंगटोक के अलग-अलग होटल में रुके हैं.


सोनीपत के रहने वाले महेंद्र राठी गंगटोक के एक होटल में रुके हैं. महेंद्र का कहना है कि उन्हें आज यानि 24 तारीख को नारथुला पार कर जाना था लेकिन पता चला कि दरवाजा बंद हैं. महेंद्र को बताया गया है कि रविवार को इन्हें वापस दिल्ली जाना है.



वहीं बिजनौर के रहने वाले धर्मपाल सिंह ने बताया कि यहां बहुत सुविधा मिल रही है. उनका कहना है कि वह पहले भी नहीं जा पाए और अब दूसरी बार यहां आए लेकिन इस बार भी नहीं पहुंच पाए. धर्मपाल को इस बात का दुख है. उन्होंने घरवालों को बता दिया है कि वापस आ रहे हैं क्योंकि रास्ता बंद है.


एबीपी न्यूज़ ने सिक्किम पर्यटन निगम के चेयरमैन रूप नारायण राय से बात की. उन्होंने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए पहला जत्था 15 जून को आया था जिसमें 47 यात्री थे. वहीं दूसरा जत्था 20 जून को गंगटोक पहुँचा जिसमे 44 यात्री थे लेकिन वहां गेट नहीं खुला. फिलहाल वे सभी यात्रियों को सिक्किम के धार्मिक जगहों के दर्शन करवा रहे हैं. राय ने बताया कि हमारे पास विदेश मंत्रालय से चिट्ठी आई है कि रविवार को दोनों जत्थों को वापस दिल्ली भेजना है. विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि यात्रा को टाल दिया गया है. हालांकि वजह नहीं बताई गई है. उन्होंने कहा कि सभी श्रद्धालुओं को यहां अच्छी सुविधा दी जा रही है.


इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए कुल 7 जत्थों के तकरीबन 350 लोग जाने थे. 8 अगस्त को आखिरी जत्थे को गंगटोक में रिपोर्ट करना था. चीन की तरफ से इजाज़त नही मिलने पर अभी यात्रियों की जाने की संभावना कम ही है क्योंकि दोनों जत्थों के 91 लोग रविवार को दिल्ली वापस जा रहे हैं.