India China Latest News: गलवान में फिर तनातनी बढ़ा रहा चीन, समझौते के बाद संघर्ष वाली जगह पर दोबारा लगाए टेंट
रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन अब दौलत बेग ओल्डी के पास डेपसांग में भी भारतीय पेट्रोलिंग में रुकावट डाल रहा है. साथ ही वहां भी चीन अपने इलाके में बड़ा मिलिट्री बिल्ट अप तैयार कर रहा है.
नई दिल्लीः डिसइंगेजमेंट के लिए तैयार होने के महज़ 48 घंटे के भीतर ही पूर्वी लद्दाख में एक बार फिर भारत और चीन के बीच तनातनी होने का अंदेशा है. ताज़ा सैटेलाइट तस्वीरों से पता चल रहा है कि गलवान घाटी के पीपी-14 (पेट्रोलिंग प्वाइंट) पर फिर से चीन ने एक टेंट लगा लिया है. साथ ही डेपसांग-प्लेन में भी भारत और चीन के बीच टकराव की स्थिति बन रही है.
टेंट के अलावा बंकर भी मौजूद
जानकारी के मुताबिक जिस गलवान घाटी में 15-16 की दरम्यानी रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, ठीक उसी जगह पर गलवान घाटी पेट्रोलिंग प्वाइंट नंबर 14 पर फिर से चीन का एक टेंट देखा गया है.
ओपन-सोर्स सेटेलाइट इमेज ये भी बताती हैं कि वहां पर बड़ी तादात में बंकर तैयार किए गए हैं. हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि ये बंकर किसके हैं. भारतीय सेना की तरफ से आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
आपको बता दें कि चीन के इसी टेंट को लेकर दोनों देशों के सैनिकों के बीच में हिंसक झड़प हुई थी और भारतीय सैनिकों ने इसमें आग लगा दी थी. इस हिंसक झड़प में भारत के कर्नल संतोष बाबू सहित कुल 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे. चीन को भी इस झड़प में बड़ा नुकसान हुआ था.
22 जून की बैठक में डिसइंगेजमेंट पर थी सहमति
22 जून को दोनों देशों के कोर कमांडर्स एक मैराथन बैठक के बाद एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्चुसल कंट्रोल पर डिसइंगेजमेंट के लिए तैयार हो गये थे, लेकिन गलवान घाटी में जिस तरह से चीन ने एक बार फिर से टेंट लगा लिया है, उससे चीन की नीयत में खोट दिखाई पड़ती है.
बुधवार को भारत और चीन के बीच वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोर्डिनेशन (डब्लूएमसीसी) ऑन इंडो-चायना अफेयर्स की बैठक भी हुई. इसमें दोनों देशों के ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के राजनयिकों ने बैठक की. बैठक में भारत ने 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प पर गंभीर चिंता जताई.
इस कड़ी में भारत ने कहा कि दोनों पक्ष एलएसी का सम्मान करें. दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत थे कि 6 जून को हुई सैन्य कमांडरों की बैठक में तनाव घटाने और सैन्य जमावड़ा घटाने के मुद्दे पर बनी सहमति को जल्द से जल्द लागू किया जाए.
दोनों पक्षों ने इस कड़ी में 22 जून को हुई कोर-कमांडर स्तर बातचीत का भी उल्लेख किया लेकिन कुछ देर बाद ही चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक फिर से गलवान घाटी पर अपना अधिकार जताते हुए गलवान घाटी की हिंसा के लिए भारतीय सैनिकों को जिम्मेदार ठहरा दिया.
डेपसांग में भी तनाव बढ़ा रहा चीन!
खबर ये भी है कि डीबीओ (दौलत बेग ओल्डी) के करीब डेपसांग प्लेन में भी चीन भारतीय सैनिकों की पेट्रोलिंग में बाधा खड़ी कर रहा है. डेपसांग प्लेन के पेट्रोलिंग पॉइंट (पीपी) 10 से 13 तक चीनी सेना भारतीय सैनिकों की गश्त के दौरान टकराव पैदा कर रही है. साथ ही डेपसांग प्लेन के पीछे भी चीन अपने इलाके में बड़ी तादात में 'मिलिट्री बिल्ट अप' करने की तैयारी कर रहा है.
आपको बता दें कि डेपसांग प्लेन में ही वर्ष 2013 में चीन 25 दिनों तक टेंट गाड़कर बैठ गया था. उस वक्त उच्च स्तर पर राजनैतिक और राजनियक दखल के बाद ही दोनों देशों के बीच में फेसऑफ खत्म हुआ था.
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