महाबलीपुरम: महाबलीपुरम से चीन का नाता यूं तो सदियों पुराना है. छठी सदी के पल्लव काल से लेकर आधुनिक समय तक इस जगह का चीन कनेक्शन बरकरार है. चीन के पहले प्रधानमंत्री झाउ एन लाई के 1956 में हुए दौरे की स्मृतियों पर आज भी इस गांव में लोग बात करते हैं.
महाबलीपुरम से एबीपी न्यूज़ की टीम कुलीपन्थदलम गांव पहुंची तो उस जगह को तलाशने में ज़रा भी मुश्किल नहीं हुई जहाँ अब भी लोग झाउ एन लाई की 60 बरस पहले हुई यात्रा की बात करते नज़र आ जायँगे. दरअसल, यह एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और मैटरनिटी सेंटर है जिसे उस वक्त के सरपंच वी राघवाचार्य ने बनवाया था और भारत दौरे पर आए चीनी प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया था. इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की पुरानी इमारत तो गिर गई और उसपर लगा उद्घाटन का पत्थर भी नष्ट हो गया. मगर उसकी तस्वीरें और किसी अब भी राघवाचार्य परिवार के पास सहेजी हुई हैं.
श्रीराम राघवाचार्य बताते हैं कि उनके पिता ने कुलीपन्थदलम को एक मॉडल गांव के तौर पर विकसित किया था और यहां 1956 में सामुदायिक रेडियो, सार्वजनिक लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं मौजूद थीं. देश के पहले प्रधानमंत्री से ईनाम में मिली 1000 रुपये की धनराधि और कुछ अपनी पूँजी मिलाकर उन्होंने गांव के लिए स्वास्थ केंद्र व मैटरनिटी सेंटर बनवाया था.
इसके उद्घाटन से पहले उन्हें पता चला कि चीन के पहले प्रधानमंत्री भारत के दौरे पर हैं और चेंगलपट्टनम से महाबलीपुरम जा रहे हैं तो उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि चीनी प्रधानमंत्री नए स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन कर सकें तो बेहतर होगा. एनलाई से पूछा गया तो वह झट तैयार हो गए. रास्ते से गुजरते वक्त करीब आधे घंटे वह इस गांव में रुके भी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन भी किया.
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प्रोफेसर लक्ष्मीनारसिम्हन अपने पिता से सुने किस्सों का हवाला देते हुए बताते हैं कि चीनी राष्ट्रपति को इस गांव में जब नारियल पानी पीने के लिए दिया गया तो वह कुछ अचकचाए थे. बाद में उन्हें नारियल पानी पीने का तरीका बताया गया तो उन्होंने न केवल उसके स्वाद का आनंद लिया बल्कि गांव वालों की गर्मजोशी और खेती तकनीकों की भी तारीफ की.
श्री राम राघवाचार्य कहते हैं कि एक बार फिर चीन के नेता महाबलीपुरम आ रहे हैं. कोली पंथा दलम को अच्छा लगेगा यदि जावेद लाई की तरह राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी कुछ देर के लिए ही सही लेकिन उनके गांव आएं.
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हालांकि बेहद छोटे प्रवास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए भारत आ रहे चीनी राष्ट्रपति के यात्रा कार्यक्रम में फिलहाल महाबलीपुरम से बाहर कोई आयोजन नहीं है. लिहाजा कुलीपंथदलम गांव को अगले किसी चीनी नेता की मेजबानी के लिए और इंतजार करना होगा.