नई दिल्ली: डोकलाम विवाद पर भारत और चीन के बीच तनातनी जगजाहिर है. इस बीच उत्तराखंड के बाराहोती बॉर्डर से भी तनातनी का एक मामला सामने आ रहा है. बाराहोती बॉर्डर पर चीनी सैनिकों ने चरवाहों को डराया और उनके टेंट फाड़ डाले. इतना ही नहीं उन्हें नीचे उतरने पर भी मजबूर कर दिया. चरवाहों ने बताया कि वो बार-बार हमारे जानवरों और हमें सीमा पर ना रुकने की चेतावनी देते हैं, जबकि हम अपनी सीमा में ही रहते हैं. नीचे उतर कर आए चरवाहों ने बताया कि दो-तीन बार चीनी सैनिकों ने उनके टेंट भी फाड़े हैं.
चीनी सैनिकों ने चरवाहों से कहा कि यह चीन की सीमा है. चरवाहों ने डर के मारे बॉर्डर से नीचे उतरने में ही अपनी भलाई समझी. हर साल ये चरवाहे सर्दी शुरू होने से पहले बॉर्डर को छोड़ते हैं, लेकिन इस बार भारतीय सैनिकों की बढ़ती तादाद और चीनी सैनिकों का हड़काने वाला रवैया देख वे समय से पहले ही अपने जानवरों के साथ नीचे उतर रहे हैं.
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चरवाहों का कहना है कि अभी तक उनको यहां रहने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो रही थी, लेकिन पिछले कई दिनों से चीनी सैनिकों की सीमा पर तैनाती बढ़ गई है. अब चीनी सैनिक कई दिनों से लगातार सभी चरवाहों को यह कह रहे थे कि अगर नाले से पार तुम्हारे जानवर आए तो अच्छा नहीं होगा. लिहाजा घबराए हुए चरवाहों ने सीमा छोड़कर नीचे उतरने में ही अपनी भलाई समझी. वहीं गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान के विवेशज्ञों ने भी चीन की इस तरह की हरकतो पर चिंता व्यक्त की.
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आपको बता दें कि ये चरवाहे ही भारतीय सेना के सूचना तंत्र का काम करते हैं. लिहाजा इनके सीमा पर से हटने से सेना को भी सूचना के आदान-प्रदान में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसा कई बार हुआ है कि जब चीनी सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल होते तो इन चरवाहों ने ही भारतीय सैनिकों को जानकारी दी. जिसकी मदद से भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को खदेड़ने का काम किया.
गौरतलब है कि चीन लगातार भारत को धमकी दे रहा है कि अगर भारत ने डोकलाम से अपनी सेना नहीं हटाई तो वह गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे.