नई दिल्ली: सीमा पर अपनी अकड़ दिखा रहे चीन के तेवर अब नरम पड़ गए हैं. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के हवाले से खबर है कि चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है कि एलएसी पर भारत और चीन के बीच स्थिति कंट्रोल में है और दोनों ही पक्ष राजनयिक और सैन्य स्तर पर बात कर रहे हैं. मसला बातचीत के जरिए सुलझाया लिया जाएगा. गौरतलब है कि हाल ही में सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों का आमना सामना हुआ. सीमा पर चीन ने जब-जब दादागिरी दिखाने की कोशिश की, भारत की तरफ से समुचित जवाब दिया गया.


दरअसल सीमा पर भारत इन दिनों सक्रिय है. भारत अपने इलाके में सड़कें बना रहा है. भारत के इस कदम से चीन की नींद उड़ी हुई है. चीन चाहता है कि भारत इस निर्माण कार्य को रोक ले. लेकिन भारत ने चीन के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. मई महीने में कई बार भारत और चीन की सेना आमने सामने हो चुकी है.


5 मई को लद्दाख में पैंगोंग झील के पास दोनों देशों के 250 सैनिकों के बीच टकराव हुआ. 9 मई को सिक्किम के नाकुला बॉर्डर पर भारत-चीन के सैनिक आपस में भिड़ गए. बाद में चीनी सैनिकों को वापस जाना पड़ा. इसके अलावा 10 मई को लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिक आगे आए तो भारतीय सेना ने उन्हें वापस जाने पर मजबूर कर दिया. 12 मई को हो गई जब लद्दाख बॉर्डर के पास चीनी हेलीकॉप्टर उड़ते देखे गए. भारत ने इस पर भी अपनी चौकसी दिखाई.


इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना से कहा कि संप्रभुता को बनाए रखने के लिए तैयार रहें. शी ने सेना को आदेश दिया था कि वह सबसे खराब स्थिति की कल्पना करें, उसके बारे में सोचे और युद्ध के लिए अपनी तैयारियों और प्रशिक्षण को बढ़ाएं, तमाम जटिल परिस्थितियों से तुरंत और प्रभावी तरीके से निपटे. साथ ही पूरी दृढ़ता के साथ राष्ट्रीय सम्प्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों की रक्षा करें. लेकिन भारत की प्रतिक्रिया के बाद अब चीन के तेवर ढीले पड़ गए हैं और वह बातचीत के जरिए मुद्दे के समाधान की बात कर रहा है.


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