नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में जारी तनाव को दोनों देश बातचीत के जरिए कम करने की कोशिशों में लगे हैं. अब इसी बीच चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान आया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और चीन सीमा पर स्थिति को बातचीत और परामर्श के जरिए शांत करने के लिए कदम उठाने पर दोनों देश सहमत हैं.


बता दें कि सीमा पर कई दिनों से हेकड़ी दिखाने के बाद अब चीन की अकड़ कम हुई है. सेना ने बयान जारी करके कहा है कि पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के सैनिक पीछे हटेंगे. कल कमांडर स्तर पर करीब 11 घंटे तक बातचीत हुई थी.


भारत और चीन के सैन्य कमांडर्स‌ के बीच सोमवार को करीब 11 घंटे लंबी मैराथन बैठक चली. दोनों देशों के कोर कमांडर्स के बीच ये दूसरी बड़ी बैठक थी. पहली बैठक 6 जून के हुई थी. ये मीटिंग इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के बाद हो रही थी. मीटिंग में भारत ने लद्दाख से सटी एलएसी पर स्टेट्स क्यों यानि मई महीने के शुरूआत वाली परिस्थितियों पर जाने पर जोर दिया. अब चीन की सेना पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी से पीछे हटेगी.


हालात का जायजा लेने लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख


इस बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लद्दाख पहुंच गए हैं. वह यहां चीनी सेना के साथ चल रहे छह हफ्ते के गतिरोध पर तैनात कमांडरों के साथ चर्चा करेंगे. सैन्य सूत्रों ने बताया कि सैन्य प्रमुख अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे और वहां तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे. जनरल नरवणे का यह दौरा गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने और सीमा पर तनाव बढ़ने के एक हफ्ते बाद हो रहा है.