Congress Press Conference On China: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर चीन (China) से सीमा विवाद के मुद्दे पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि, प्रधानमंत्री खुद अरुणाचल (Arunachal Pradesh) में हुई हालिया घटना पर स्थिति को साफ करें. वह संसद में चर्चा करें, इस मुद्दे पर उनको जवाब देना चाहिए न कि रक्षा मंत्री को. विपक्षी दल ने यह भी आरोप लगाया कि एक थिंक टैंक जिसकी यूनिट का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर के बेटे कर रहे हैं, उसे चीनी दूतावास से फंडिंग हुई थी.
कांग्रेस मीडिया डिपार्टमेंट के हेड पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा सरकार को इसका जवाब देना चाहिए कि यूपीए सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल में अपना पहला डिवीजन स्थापित किए जाने बाद माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया गया?' उन्होंने आरोप लगाया, "प्रधानमंत्री मोदी चीन पर जवाब देने से इनकार करते हैं और चीन पर बहस नहीं करना चाहते हैं. प्रधानमंत्री के चीन के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, क्योंकि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब चीनी राष्ट्रपति उस देश में एक शीर्ष पद पर थे. दोनों में तभी से नजदीकियां हैं."
माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स का क्या है राज
खेड़ा ने आरोप लगाया कि माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स का दूसरा डिवीजन पठानकोट में बनना था, लेकिन क्योंकि एक "चीन-प्रेमी" प्रधानमंत्री सत्ता में आ गया तो यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन मुद्दे पर राहुल गांधी के बयान पर सफाई देते हुए खेड़ा ने कहा कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने "केवल इस बात पर प्रकाश डाला था कि सरकार ने सशस्त्र बलों के वे हाथ बांध दिए हैं जो वीरता से भरे हुए हैं." उन्होंने कहा, ''बहादुर सेना, कायर राजा' यही देश की कहानी है.''
खेड़ा ने यह भी दावा किया कि भाजपा नेता अतीत में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ जुड़े रहे हैं और उन्होंने चीन की यात्रा की भी है. उन्होंने पूछा कि विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन जैसे संगठन, जिनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जुड़े थे, चीन के साथ क्या संबंध रखते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस थिंक टैंक की एक यूनिट का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर के बेटे कर रहे हैं, उसे चीनी दूतावास से तीन बार पैसा मिला.
चीन से किसे-किसे फंडिंग
एक ओर जहां सत्तारूढ़ भाजपा कांग्रेस पर चीन के साथ घनिष्ठ संबंध होने का आरोप लगाती रही है, वहीं आज कांग्रेस ने भी भाजपा नेताओं पर चीन के करीबी होने के आरोप लगाए. पिछले हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) का विदेशी विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) पंजीकरण इसलिए रद्द किया गया क्योंकि चीनी दूतावास से उसे 1.35 करोड़ रुपये मिलने की जानकारी मिली थी.
पवन खेड़ा ने चीन की तुलना में भारत की सुरक्षा को मजबूत करने में पिछली कांग्रेस सरकारों की उपलब्धियों को भी गिनाया. उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम 1986-87 में राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में सातवीं पंचवर्षीय योजना का हिस्सा था, तब यूपीए सरकार के तहत 2,000 किमी ट्रांस-अरुणाचल राजमार्ग शुरू किया गया था.
विपक्षी दल के आरोप हैं कि प्रधानमंत्री मोदी चीन का नाम लेने से परहेज करते हैं. खेड़ा ने पूछा कि क्या सरकार उस देश के साथ घनिष्ठ संबंधों के कारण चुप थी. कांग्रेस का यह बयान अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सेना के जवानों की झड़प के कुछ दिनों बाद आया है, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 9 दिसंबर को देानों देशों के सैकड़ों जवान भिड़ गए थे.
1967 में हमने चीन हो हराया
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेस में, कांग्रेस नेता रमेश ने कहा कि, भाजपा 1962 के युद्ध को उठाती है, लेकिन यह भूल जाती है कि 1967 में चीन और भारत ने एक युद्ध लड़ा था जिसमें चीन हार गया था और भारत जीत गया था, जो भी इतिहास का ही हिस्सा है. रमेश ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1988 में चीन गए थे. तब हम सीमाओं पर मजबूत थे और उस यात्रा के बाद द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए. लेकिन अप्रैल 2020 में यह सब खत्म हो गया और एक नया अध्याय खुल गया, यह भाजपा सरकार की नाकामी थी, चीनी हमारी जमीन पर आ गए.
रमेश ने दावा किया, ''प्रधानमंत्री ने उन्हें (चीन को) यह कहकर क्लीन चिट दे दी है कि 'न तो कोई हमारे क्षेत्र में आया है और ना ही हमारा कोई क्षेत्र किसी के कब्जे में है.' इस क्लीन चिट के कारण हमारी समझौते की स्थिति कम हो गई है.' कांग्रेस नेता ने कहा कि संसद में बहस होनी चाहिए और प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए और विपक्ष के साथ चर्चा करनी चाहिए.
रमेश ने कहा, 'लोकसभा और राज्यसभा में बहस होनी चाहिए और जवाब प्रधानमंत्री को देना चाहिए न कि रक्षा मंत्री या विदेश मंत्री को. कई पूर्व प्रधानमंत्रियों ने संसद में जवाब दिया है. मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो चर्चा से भाग रहे हैं. वह चीन शब्द का उच्चारण भी नहीं करते हैं,"
पूर्वोत्तर में बड़ी चीनी घुसपैठ!
कांग्रेस नेता ने "प्रधानमंत्री जी चीन पर चुप्पी तोड़ो, भारत जोड़ो" का नारा भी लगाया. अपने बयान में, रमेश ने दावा किया कि ऐसी खबरें हैं कि पूर्वी क्षेत्र में लगातार बड़ी चीनी घुसपैठ हो रही है. उन्होंने कहा कि, "पिछली सरकारों में 1965, 1971 और कारगिल 1999 में पत्रकारों और सांसदों को मोर्चे पर ले जाने का भरोसा था. मगर मौजूदा प्रधानमंत्री भारत के लोगों से क्या छिपा रहे हैं? वह चर्चा से क्यों भाग रहे हैं."
कांग्रेस नेता रमेश ने मोदी का नाम लेकर कहा, "कुछ समय पहले आपने (मोदी) राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए भाईचारा और निकटता व्यक्त की और अपने रिश्ते को 'प्लस वन' बताया. आपने कहा कि 'शी' ने अध्ययन कर रखा था आख़िर मोदी चीज़ क्या है' क्या चीन की यह आक्रामकता इतने करीबी अध्ययन का नतीजा है? क्या ऐसा हो सकता है, जैसा कि आपने 2013 में कहा था, 'समस्या सीमा पर नहीं है, समस्या दिल्ली में है?''
कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने भी ऐसा कहा कि "सरकार सो रही है, जबकि चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है." उनकी टिप्पणी में भाजपा के विरुद्ध तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई थी, जिसमें कहा गया कि वह सशस्त्र बलों के मनोबल को कम कर रहे हैं.
वहीं, संसद में एक बयान में, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि चीनी सैनिकों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया.'
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