नई दिल्ली: लद्दाख में भारत और चीन के बीच बीते कुछ हफ्तों से लगातार तनाव बना हुआ है. इस बीच चीन ने कहा है कि वह अपनी सेनाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 20 मार्शल आर्ट ट्रेनर्स को तिब्बती पठार पर ले जा रहा है. चीन के इस निर्णय के पीछे कोई आधिकारिक कारण नहीं दिया गया है. लेकिन यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब कुछ दिन पहले ही चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. ऐसे में चीन की इस हरकत के पीछे किसी बड़ी साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है.


भारत और चीन के बीच 1996 में हुए एक समझौते के तहत LAC यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीन दोनों ही देश के जवान किसी भी तरह के हथियार या विस्फोटक का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.


हांगकांग के मीडिया के अनुसार, 20 जून को आधिकारिक चीनी समाचार आउटलेट्स द्वारा सेना के नए मार्शल आर्ट प्रशिक्षकों की खबर दी गई. स्टेट ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी ने कहा कि एंबो फाइट क्लब के 20 फाईटर्स तिब्बत की राजधानी ल्हासा भेजे जाएंगे. हालांकि चीनी मीडिया ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि वे भारत से लगी सीमा पर सैनिकों को ट्रेनिंग देंगे.


भारत ने LAC पर तैनात किया मिसाइल डिफेंस सिस्टम


एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर चीनी लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए भारत भी चौकन्ना हो गया है. पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात कर दी है. जो पलक झपकते दुश्मन जहाजों को ढेर कर सकती है. इसके अलावा सेना की तीन डिवीजन को भी डिप्लॉय कर दिया गया है.


एलएसी के पास सभी ठिकानों पर अतिरिक्त जवान तैनात


जानकारी के मुताबिक अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी ठिकानों और टुकड़ियों के लिए सेना पहले ही अतिरिक्त जवानों को भेज चुकी है.


पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवान घाटी को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद जारी है. हाल ही में इसी जगह पर हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.


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