Chinese Foreign Minister on India-China Relations: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर संबंध काफी सालों से खराब चल रहे हैं. इस बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने कहा है कि चीन और भारत के साझे हित मतभेदों से कहीं अधिक हैं. चीन के विदेश मंत्री (Chinese Foreign Minister) का कहना है कि दोनों देशों को सीमा को लेकर मतभेदों को सही जगह पर रखना चाहिए और बातचीत और परामर्श के जरिए विवाद का हल निकालना चाहिए. उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों (Bilateral Relations) को सुधार की दिशा में दोनों देशों को कदम बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया.
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को बीजिंग में चीन में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत (Pradeep Kumar Rawat) के साथ अपनी पहली मुलाकात में कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे को कमजोर करने और संदेह के बजाय विश्वास बढ़ाने के लिए समर्थन करना चाहिए. प्रदीप कुमार रावत मार्च में ही चीन में भारत के राजदूत बने हैं.
ड्रैगन का डैमेज कंट्रोल!
चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द स्थिर करने और विकास के रास्ते पर वापस लाने के लिए एक-दूसरे से मिलना चाहिए. 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले राजदूत प्रदीप रावत के साथ चीनी विदेश मंत्री की बैठक हुई. इस मौके पर चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन और भारत के साझा हित उनके मतभेदों से कहीं अधिक हैं. दोनों पक्षों को एक-दूसरे को कमजोर करने के बजाय समर्थन करना चाहिए. एक-दूसरे के खिलाफ सुरक्षा के बजाय सहयोग को मजबूत करना चाहिए और एक-दूसरे पर संदेह करने के बजाय आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए.
चीनी विदेश मंत्री का 4 सूत्रीय एजेंडा
वांग यी (Wang Yi) एक स्टेट काउंसलर भी हैं. उन्होंने भारत के साथ संबंधों को परिभाषित करने और आगे बढ़ाने के लिए चार-सूत्रीय एजेंडा सामने रखा. जिन चार सिद्धांतों का उल्लेख किया उनमें दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण रणनीतिक सहमति का पालन करने की जरूरत शामिल है. उनका कहना था कि चीन और भारत प्रतिस्पर्धी नहीं हैं, बल्कि भागीदार हैं. चीन और भारत (India-China) एक दूसरे के लिए खतरा पैदा नहीं करेंगे और दोनों के लिए आपसी विकास के अवसर हैं. बता दें कि 24 महीने से अधिक समय के बाद, सशस्त्र बलों के बीच कई दौर की कूटनीतिक वार्ता और बातचीत के बावजूद पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में एलएसी (LAC) के दोनों ओर सैन्य तैनाती जारी है.
ये भी पढ़ें:
Pakistan Financial Crisis: गंभीर आर्थिक संकट में पाकिस्तान, चीन देगा 2.3 बिलियन डॉलर का लोन