चीन ने भारतीय सीमा के पास स्थापित किए मोबाइल टावर, चीनी घुसपैठ की ओर इशारा
पैंगोंग झील पर पुल का निर्माण करने के बाद चीन ने भारत की सीमा से बेहद करीब तीन मोबाइल टावरों का निर्माण किया है. चुशुल गांव के एक पार्षद कोंचोक स्टैनज़िन ने चीन घुसपैठ की संभावना की ओर इशारा किया है.
भारत का पड़ोसी देश चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. बीते लंबे समय से लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद के बीच उसने पैंगोंग झील पर पुल का निर्माण किया था, जिसके बाद अब चीन ने लद्दाख सीमा के पास मोबाइल टावर लगा दिए हैं. इसकी जानकारी चुशुल क्षेत्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है.
दरअसल चुशुल गांव के एक पार्षद कोंचोक स्टैनज़िन ने अपने एक ट्वीट में चीन घुसपैठ की संभावना की ओर इशारा किया है. उन्होने अपने ट्वीट में चीन की ओर से लगाए गए तीन मोबाइल टावरों की तस्वीर को शेयर किया है. जिसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी है कि यह मोबाइल टावर चीन ने लद्दाख सीमा के पास हॉट स्प्रिंग के पास लगाए हैं.
After completing the bridge over Pangong lake, China has installed 3 mobile towers near China's hot spring very close to the Indian territory. Isn't it a concern? We don't even have 4G facilities in human habitation villages. 11 villages in my constituency have no 4G facilities. pic.twitter.com/4AhP4TYVNY
— Konchok Stanzin (@kstanzinladakh) April 16, 2022
अपने किए गए ट्वीट में कोंचोक स्टैनज़िन ने लिखा, 'पैंगोंग झील पर पुल का काम पूरा करने के बाद चीन ने भारतीय क्षेत्र के बेहद करीब चीन के हॉट स्प्रिंग के पास 3 मोबाइल टावर लगाए हैं. यह एक बहुत ही गंभीर चिंता का विषय है. हमारे गांवों में 4जी की सुविधा भी नहीं है. मेरे निर्वाचन क्षेत्र के 11 गांवों में 4जी सुविधा नहीं है.' उनका कहना है कि चीन सीमा के पास अपने हिस्से में तेजी से बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है. चीनी घुसपैठ की संभावना की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि टावरों का इस्तेमाल हमारे क्षेत्र का निरीक्षण करने और गुप्त जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है.
कोंचोक स्टैनज़िन का कहना है कि हमारा देश चीन से आधुनिकता के क्षेत्र में पिछड़ता जा रहा है. उनके अनुसार अधिकतम सीमावर्ती गांवों में, भारत 4 जी इंटरनेट सेवा नहीं देता है. उनका कहना है कि 'मेरे निर्वाचन क्षेत्र में, 12 में से 11 गांवों में 4 जी इंटरनेट की सुविधा नहीं है. हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए. हम संचार सुविधा में पिछड़ रहे हैं. हमारे पास केवल एक मोबाइल टावर है, जबकि उनके पास नौ टावर हैं.'
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