नई दिल्ली: भारत से सटे सीमावर्ती इलाकों में चीन आधारभूत संरचना का विकास कर रहा है और केंद्र सरकार को इस बात की जानकारी है. मोदी सरकार ने इस बात का खुलासा किया है. बुधवार को लोकसभा में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन की ओर से दिए गए एक लिखित जवाब में सरकार ने इस बात को माना है कि भारत से लगे तिब्बत और जिनजियांग स्वायत्त क्षेत्र में चीन लगातार निर्माण करवा रहा है.


सीमावर्ती इलाकों में विकास पर भारत का भी ध्यान- सरकार


हालांकि जवाब में ये भी कहा गया है कि भारत भी अपने सीमावर्ती इलाकों में आधारभूत संरचनाओं के विकास की ओर लगातार ध्यान देता है, जिससे कि उन क्षेत्रों के आर्थिक विकास के साथ साथ भारत की रणनीतिक और सामरिक आवश्यकताओं को भी पूरा किया जा सके.


विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत के सीमावर्ती इलाकों में सड़क और पुल जैसी मूलभूत चीजों के निर्माण के लिए पैसों का आवंटन बढ़ा दिया गया है. उन्होंने दोहराया कि भारत उन सभी गतिविधियों पर नज़र रख रहा है जिसका सीधा सम्बन्ध भारत की सामरिक सुरक्षा, उसकी क्षेत्रीय अखंडता और सार्वभौमिकता से है.


गलवान घाटी में सैन्य तैनाती कम करने पर बनी थी सहमति


अभी हाल ही में भारत और चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र की गलवान घाटी में सैन्य तैनाती कम करने पर सहमति बनी है. इस सहमति से पिछले क़रीब 9 महीनों से दोनों देशों की सेनाओं के बीच चला आ रहा तनाव कम होने में मदद मिली है.


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