LAC के पास चीन मिलिट्री बेस बनाने के साथ लगा रहा सोलर-हाइड्रो प्लांट, भारतीय सेना भी है तैयार
India-China News: चीन की ओर से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश के बाद भारत और चीन के बीच बीते तीन साल से ज्यादा समय से सैन्य गतिरोध चल रहा है.
India-China At LAC: भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बने अपने सैन्य अड्डों (Military Base) को बनाए रखने में चीन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा रहा है. जिस वजह से चीनी सेना ने अपने सैनिकों की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को बनाए रखने के लिए कई सोलर (Solar Plants) और जल विद्युत संयंत्रों (Hydel Power Plants) का निर्माण किया है. सुरक्षा बलों के सूत्रों ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि 2020-21 में बड़े पैमाने पर तैनाती के बाद चीनियों को वहां मिलिट्री बेस को बनाए रखने में समस्याओं का सामना करना पड़ा है.
उन्होंने कहा कि अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में चीनी आर्मी को समस्याओं का सामना करना पड़ा है, खासकर सर्दियों के मौसम में. उन्होंने कहा कि चीनी सेना ने 2020 की गलवान झड़प के बाद एलएसी पर लगभग 50,000 सैनिकों को तैनात किया है और अग्रिम क्षेत्रों में इसकी ऊर्जा आवश्यकताएं काफी बढ़ गई हैं, जहां गर्मियों में भी बहुत कम तापमान होता है.
चीन एलएसी पर उठा रहा ये कदम
उन्होंने बताया कि चीन ने अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को भी बड़े पैमाने पर अपग्रेड किया है क्योंकि बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती को संभालने के लिए नए आवास और गांव बनाए गए हैं. सूत्रों ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि चीनियों ने बड़े पैमाने पर तैनाती जारी रखी है. साथ ही सैनिकों की लंबी तैनाती के लिए कदम उठा रहे हैं.
भारतीय सेना भी है तैयार
भारत ने भी भविष्य में चीन की ओर से किसी भी संभावित दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए पूर्वी लद्दाख सेक्टर में लगभग इतनी ही संख्या में सैनिकों को तैनात किया है. इसी बीच सोमवार (26 जून) को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार भारत की सीमाओं की गरिमा का कभी भी उल्लंघन नहीं होने देगी और मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए चीन के साथ सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत चल रही है.
राजनाथ सिंह ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे पर लंबे समय से धारणा संबंधी मतभेद रहे हैं. मैं दोहराना चाहता हूं कि 2013 से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कुछ गतिविधियां हुई हैं, लेकिन मैं इन दावों को सिरे से खारिज करता हूं कि हमारी सरकार बनने के बाद एलएसी पर कोई महत्वपूर्ण बदलाव या अतिक्रमण हुआ है.
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