चीनी रक्षा पत्रकार ह्वांग ग्वोज़ी ने भारतीय सेना के कौशल और जांबाज़ी की तारीफ की है.चीन के रक्षा मामले से जुड़े पत्रकार का ये दावा भारतीय सेना की विश्वनियता को दर्शाता है. ह्वांग ग्वोज़ी चीन के रक्षा पत्रिका में सीनियर एडीटर हैं और इस पत्रिका को चीन के लिए रक्षा सामान बनाने वाली कंपनी के मुख्य पत्र के रूप में जाना जाता है.
चीनी पत्रिका का दावा
किसी चीनी पत्रिका का ये दावा उस वक्त आया जब दोनों देश की सेनाएं लद्दाख में आमने-सामने थी, भारत के उस दावे को मज़बूत करता है कि भारतीय सेना विश्व के किसी भी सेना से कम नहीं है. अभी हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने भारत को अमेरिका और इज़राइल के बाद अपने देश की सुरक्षा में सबसे अधिक सक्षम देश बताया था. चीनी पत्रकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में डटी रहने वाली भारतीय सेना को अमेरिका और रूस की सेना से भी आगे बताया है.
लद्दाख घटना की परिपेक्ष्य में इस तारीफ़ को इस लिए अहम माना जा रहा है कि चीनी मीडिया सिर्फ अपने सरकार का ही गुणगाण करती है. ह्वांग ग्वोज़ी ने भारतीय सेना को बेहतरीन पर्वतारोही सेना बताया. अपने 12 डीविजन और दो लाख गश्ती दल के साथ भारतीय सेना पहाड़ों में डटने वाली विश्व की मज़बूत सेना है.
सियाचीन-ग्लेशियर में भारत की चौकसी
भारतीय सेना पर नज़र रख रही चीनी रक्षा पत्रिका के पत्रकार ने बताया कि 1970 के बाद लगातार भारत पहाड़ी इलाकों में अपनी सेना की तादाद बढ़ाता रहा है. सियाचीन-ग्लेशियर में इसके 100 से ज़्यादा पोस्ट हैं जहां सबसे उंचा पोस्ट 6, 749 मीटर की उंचाई पर मौजूद है. हाड कंपा देने वाली ठंड में सियाचीन-ग्लेशियर में चौकसी करना बहुत ही दिलेरी और हिमम्त का काम है.
चीनी रक्षा पत्रिका ने भारतीय रक्षा सौदों में दिल्चस्पी दिखाते हुए ने अमेरिका के साथ होने वाले भारतीय रक्षा सौदों का भी ज़िक्र किया.