China in Aksai Chin: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. वह भारत के साथ स्वस्थ और मजबूत रिश्तों की बात करते हुए विवादों को बातचीत से हल करने का हिमायती बनता दिखता है लेकिन बॉर्डर पर उसके जो कारनामे हैं, वो ड्रैगन के असल इरादों की पोल खोल देते हैं. ब्रिटिश थिंक टैंक की रिपोर्ट के मुताबिक चीन इस समय विवादित अक्साई चिन के इलाके में तेजी से निर्माण करने में लगा है. वह इस इलाके सड़कें, आउटपोस्ट और कैंप के साथ ही एयरपोर्ट बना रहा है.
लंदन स्थित थिंक टैंक चैटम हाउस ने पिछले 6 महीने के आधार पर अपनी रिपोर्ट जारी की है. अक्टूबर 2022 के बाद से ही इस इलाके में चीनी गतिविधियों की सैटेलाइट के जरिए नजर रखी जा रही थी. तस्वीरों के अध्ययन के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की ओर बुनियादी ढांचे के निर्माण के बड़े सबूत मिले हैं.
हेलीपोर्ट और वाटरप्रूफ कैंप
तस्वीरों को देखने से पता चलता है कि चीन ने एलएसी के पास सडकों को चौड़ा करके उनका विस्तार किया है. आउटपोस्ट बनाए हैं, वाटरप्रूफ कैंप बनाए हैं. इनमें पार्किंग एरिया, सोलर पैनल और हैलीपैड भी शामिल हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि विवादित क्षेत्र में फ्रंटलाइन से दूर और अक्साई चिन झील के पास एक नया हेलीपोर्ट बनाया जा रहा है. इसमें हेलीकॉप्टर के साथ ही ड्रोन को रखने के लिए हैंगर हैं और इन्हें उड़ाने के लिए छोटे रनवे भी बनाए हैं. इसके बाद अक्साई चिन में और उसके आसपास पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की ऑपरेशनल क्षमता में वृद्धि होगी.
पहले भी ऐसा कर चुका है चीन
यह पहली बार नहीं है जब चीन सीमा के पास इस तरह की हरकत कर रहा है. 2020 में गलवान तनाव के बाद चीन का विस्तारवादी चेहरा खुलकर सामने आ गया है. हाल ही में इस महीने की शुरुआत में ही ऐसी रिपोर्ट आई थीं, जिसमें बताया गया था कि चीन ने एलएसी पर किस तरह से हवाई पट्टी का निर्माण किया है, जिससे भारत से किसी विषम परिस्थिति में उसे काफी रणनीतिक बढ़त हासिल होगी. रिपोर्ट में कहा गया था कि 2020 में शुरु हुए सैन्य गतिरोध के बाद चीन ने बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती के साथ ही हवाई पट्टी, हेलीपैड, रेलवे सुविधा, मिसाइल ठिकानों और पुलों का तेजी से निर्माण किया है.
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