नई दिल्ली: एलएसी के हालात को लेकर भारत पूरी तरह ‘सजग’ है और चीनी वायुसेना के युद्धाभ्यास को करीब से मॉनिटर कर रहा है. ये कहना है भारत के उच्चपदस्थ सूत्रों का. दरअसल, कुछ दिनों पहले चीन की वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख से सटे एलएसी के एयर स्पेस में अपने फाइटर जेट्स के साथ एक बड़ा युद्धाभ्यास किया था. माना जा रहा है कि इस युद्धाभ्यास में चीनी वायुसेना के करीब दो दर्जन लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया था. इन लड़ाकू विमानों में जे-11 और जे-16 शामिल थे.


जानकारी के मुताबिक, चीनी वायुसेना ने इस युद्धाभ्यास को तिब्बत और शिनजियांग प्रांत के अपने अलग-अलग एयरबेस से अंजाम दिया गया था. इन एयरबेस में होटान, गर-गुंसा, कासगर, हॉपिंग, डोंगा-जोंग, लिंझी और पनगट शामिल हैं. खबर है कि फाइटर जेट्स के साथ-साथ चीनी वायुसेना ने इस एक्सरसाइज में अपने एयर-डिफेंस सिस्टम को भी शामिल किया था. ताकि अगर किसी दूसरे देश के फाइटर जेट्स उसकी एयर-स्पेस में दाखिल हो जाते हैं तो चीनी एयर-डिफेंस किस तरह से जवाब दे पाएगी.


पैनी नजर


भारतीय सूत्रों के मुताबिक हालांकि चीनी वायुसेना ने ये एक्सरसाइज अपनी एयर स्पेस में की थी, लेकिन भारतीय वायुसेना एलएसी के हालात पर पैनी नजर बनाए हुए है. बेहद करीब से भारतीय वायुसेना ने इस एक्सरसाइज पर अपनी नजर बनाए रखी है. सूत्रों के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के मिग-29 एयरक्राफ्ट्स की एक पूरी डिटेचमैंट लेह-लद्दाख में तैनात है. इसके अलावा रफाल लड़ाकू विमान भी नियमित तौर से लद्दाख की एयर-स्पेस में उड़ान भरे रहे हैं.


हाल ही में खुद वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने लेह-लद्दाख का दौरा कर वायुसेना के ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया था. आपको बता दें कि एलएसी के पैंगोंग-त्सो लेक इलाके पर हुए पहले चरण के डिसइंगेजमेंट के बाद चीन अब दूसरे विवादित इलाकों से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में दोनों देशों की सेनाओं के बीच एलएसी पर तनाव बरकरार है.


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