नई दिल्ली: चीन भले ही सीमा पर भारत से टकराव को लेकर शांतिपूर्वक मामले को सुलझाने की दुहाई दे रहा हो, लेकिन दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. तनाव कम करने को लेकर 6 जून को दोनों देशों की सेनाओं के लेफ्टिनेंट-जनरल रैंक के अधिकारी मीटिंग करने जा रहे हैं. लेकिन इस बीच चीन के मुखपत्र, ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय सीमा पर युद्धभ्यास की तस्वीरें साझा कर बिहाईंड द एनेमी लाइंस की अपरोक्ष चेतावनी दी है.


चीनी सरकार के मुखपत्र, ग्लोबल टाइम्स ने चीन की पीएलए सेना द्वारा हाल ही में भारतीय सीमा पर किए गए युद्धभ्यास की तस्वीरें साझा की हैं. अखबार के मुताबिक, चीन की तिब्बत कमांड ने हाई-ऑल्टिट्यूड एक्सरसाइज के दौरान बिहाइंड-द-एनेमी लाइंस का अभ्यास किया है. अखबार की रिपोर्ट की मानें तो चीनी सेना ने 4700 मीटर यानि करीब 16 हजार फीट की ऊंचाई अपने सैनिकों को भेजकर रात के दौरान ‘इनफिल्ट्रेशन-एक्सरसाइज’ का अभ्यास किया. इस एक्सरसाइज के दौरान चीनी सैनिकों ने दुश्मन की सीमा से परे जाकर आर्मर्ड-व्हीक्लस तबाह कर दिए और दुश्मन के मुख्यालय पर हमला किया.


रिपोर्ट में कहा गया कि 19 मई को चीन की सेना की आर्मर्ड ब्रिगेड ने मेन बैटल टैंक (एमबीटी) और इंफेंट्री काम्बेट व्हीकल (आईसीवी) के साथ तंगूला पहाड़ियों पर भी ट्रेनिंग की. ये पूरी एक्सरसाइज रात में अंजाम दी गई ताकि दुश्मन को हमले की कानों-कान खबर ना लगे. चीन की सीसीटीवी ने इस युद्धभ्यास की वीडियो भी प्रसारित की.


साफ है चीन इस तरह के युद्धभ्यास की तस्वीरें साझा कर भारत पर दवाब डालने की कोशिश कर रहा है. लेकिन इन तस्वीरों को गौर से देखें तो पता चलता है कि इतनी ऊंचाई पर भी चीनी सैनिक किसी स्पेशल-क्लोथिंग यानि इतनी ऊंचाई वाले क्षेत्र में भी साधारण यूनिफार्म में हैं. जबकि इतने ऊंचाई वाले क्षेत्र में सैनिकों को खास तरह की यूनिफार्म पहनने की जरूरत पड़ती है शरीर को ठंड से बचाने के लिए.


बता दें कि एबीपी न्यूज ने ही सबसे पहले ये खबर दी थी कि चीन ने लद्दाख से सटी अपनी सीमा में युद्धभ्यास के नाम पर एक बड़ी एक्सरसाइज की थी और फिर इन्ही सैनिक, टैंक और आईसीवी व्हीक्लस को चीन ने बेहद तेजी से भारत के साथ हुए टकराव के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा के बेहद करीब तैनात कर दिया है.


ये भी बता दें कि नबम्बर के महीने में भारतीय सेना ने भी ‘चांगथांग’ नाम की एक एक्सरसाइज लाइन ऑफ एक्युचल कंट्रोल (एलएसी) के बेहद करीब लद्दाख में की थी. उस युद्धभ्यास में भारतीय सेना ने अपने टैंक, बीएमपी (आईसीवी) व्हीकल्स और हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल किया था. भारतीय सेना के पैरा-कमांडोज ने ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से जंप कर बिहाइंड-द-एनेमी-लाइंस में घुसकर हमला करने की प्रैक्टिस भी की थी. चांगथांग तिब्बत का एक पठारी इलाका है जो पूर्वी लद्दाख तक फैला है जो भारत के अधिकार-क्षेत्र में है.


बिहाइंड-द-एनेमी लाइंस, दरअसल, स्पेशल फोर्सेज़ की एक युद्ध-शैली होती है जिसमें दुश्मन की सीमा पारकर दुश्मन के इलाके में घुसकर उसके सैन्य-मुख्यालय, छावनी और दूसरे सामरिक-ठिकाने तबाह करना होता है. ये एक तरह की सर्जिकल स्ट्राइक होती है जिसमें सीमा पर तैनात दुश्मन-सेना के सैनिकों को कानों-कान खबर नहीं लगती है कि उसके पीछे ही हमला कर दिया गया है. इस तरह के एक मिशन को भारतीय सेना ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के छाछरो में की थी, जिसे छाछरो-ऑपरेशन के नाम से जाना जाता है. बिहाइंड-द-एनेमी-लाइंस की युद्ध-कला ब्रिटेन की एसएएस यूनिट ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान शुरू की थी.


इस बीच सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है‌. लद्दाख में फिंगर एरिया, गैलवान घाटी, डेमचोक और हॉट-स्प्रिंग के करीब गोगरा में दोनों देशों के बीच तनातनी चल रही है. गैलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने टेंट गाड़कर जम गए हैं. तनाव को खत्म करने के लिए 6 जून को दोनों देशों के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी लद्दाख स्थित चुसुल-मोल्डो में बैठक करेंगे. भारत की तरफ से लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह इस बैठक में हिस्सा लेंगे. इससे पहले मंगलवार को दोनों देशों के डिवीजन-कमांडर्स ने भी मीटिंग की थी जो बेनतीजा रही थी.


हालांकि, जब से दोनों देशों की सेनाओं में तनाव शुरू हुआ है तब से ही बॉर्डर पर लगभग रोजाना दोनों देशों के कर्नल या फिर ब्रिगेडयर स्तर की बातचीत लगभग हो रही है. लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव खत्म नहीं हो रहा है. इस बीच मंगलवार को भारतीय सेना की उत्तरी कमान के जीओसी-एन-सी (जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ), लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने लेह स्थित 14वीं कोर के मुख्यालय का दौरा किया. लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर ही लद्दाख से सटी चीन सीमा की रखवाली करती है. यहां की 3-डिव यानि त्रिशूल-डिवीजन की जिम्मेदारी चीना सीमा की है. कोर की दूसरी डिवीजन करगिल, द्रास, बटालिक और सियाचिन की निगहबानी करती हैं. आर्मी कमांडर ने लेह कोर की ऑपरेशन्ल तैयारियों का जायजा लिया और चीन से चल रहे टकराव के हालात की समीक्षा की.


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