नई दिल्ली: चीन ने कहा कि उसके और भारत के सामने अर्थव्यवस्था के विकास के साझा कार्य हैं और दोनों देशों को अनुकूल बाहरी माहौल को प्रोत्साहित करना होगा. भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता का बयान रूस में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से पहले आया है. बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भाग लेंगी. एससीओ सम्मेलन 30 नवंबर और एक दिसंबर को होगा और इसमें कई अन्य मुद्दों के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य पर चर्चा हो सकती है.


भारत जून में पाकिस्तान के साथ एससीओ का पूर्णसदस्य बन गया था. यह चीन के प्रभुत्व वाला एक सुरक्षा समूह है जिसे तेजी से नाटो के मुकाबले सत्ता-संतुलन करने वाले संगठन के तौर पर बढ़ते हुए देखा जा रहा है.


प्रवक्ता काउंसलर शी लियान ने एक वीडियो संदेश में कहा, "चीन और भारत दोनों विकासशील देश हैं और उनके सामने अर्थव्यवस्था के विकास तथा जनता की भलाई को भी बढ़ाने का समान कार्य है. गहन सुधार करने और आधुनिकीकरण बढ़ाने के महत्वपूर्ण स्तर पर दोनों देशों को एक अनुकूल बाहरी माहौल को प्रोत्साहित करना होगा." उन्होंने आगे कहा कि चीन और भारत पड़ोसी देश हैं जो एक दूसरे से दूर नहीं हो सकते. हम एक आसमान के नीचे रहते हैं.


शी ने कहा ब्रिक्स और एससीओ के महत्वपूर्ण देशों के रूप में चीन और भारत वैश्वीकरण बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में लोकतंत्र को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. प्रवक्ता ने यह भी कहा कि निकट भविष्य में दोनों देशों के बीच संस्थागत संवाद होंगे और भारत और चीन के नेताओं को अगले साल एक दूसरे से मिलने का अवसर मिलेगा.


वीडियो संदेश में शी ने जियामेन में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात का भी जिक्र किया जहां वे महत्वपूर्ण 'आम-सहमतियों'f पर पहुंचे थे. उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की हाल ही में हुई नेशनल कांग्रेस में लिये गये अनेक फैसलों के बारे में भी बात की.