नई दिल्ली: चीन द्वारा डोकलाम के करीब एक गांव में बसाने को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. अभी तक ये साफ नहीं है कि चीन का ये पंगडा गांव कहां पर बसाया गया है. अब चीन के मुखपत्र, ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि ये गांव चीन सीमा में है.
दरअसल, कुछ दिन पहले चीन के सरकारी न्यूज चैनल के एक प्रोड्यूसर ने ट्विटर पर पंगडा गांव की तस्वीरें साझा कर कहा कि ये गांव तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के यांगडू-कॉउंटी से करीब 35 किलोमीटर दक्षिण में है. इन तस्वीरों में गांव में सभी पक्के घर एक लाइन से बने हुए दिख रहे थे. हालांकि कुछ देर बाद ही प्रोड्यूसर ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था. लेकिन प्रोड्यूसर ने गूगल-मैप पर इस गांव की जो लोकेशन लिखी थी उसके आधार पर ओपन-सोर्स सैटेलाइट इंटेलीजेंस साइट्स ने दावा किया कि चीन का ये नया गांव भूटान की सीमा के दो किलोमीटर अंदर है.
लेकिन इन रिपोर्ट्स के बाद दिल्ली में भूटान के राजदूत ने साफ तौर से इंकार किया कि चीन का ये नया गांव भूटान सीमा के अंदर है. सीमा विवाद को लेकर काफी लंबे समय से भूटान और चीन के बीच बातचीत भी चल रही है.
दरअसल, ये पूरा इलाका (डोकलाम सहित) चीन और भूटान के बीच विवादित रहा है. अब ऐसा लगता है कि चीन ने यहां गांव बसाकर अपना दावा जता दिया है. ये गांव विवादित डोकलाम इलाके से कुछ किलोमीटर पर है. यहां पर चीन ने एक नदी के साथ साथ एक नौ किलोमीटर लंबी सड़क भी बना ली है. जो डोकलाम पहुंचने के लिए एक अलग एक्सेस बताया जा रहा है.
बता दें कि चीन जो सीमावर्ती इलाकों में नए गांव बसाता है उनमें अमूमन पूर्व-फौजियों को बसाया जाता है. ताकि जरूरत पड़ने पर इन गांवों को सैनिकों के बैरक में बदल दिया जाए. सैटेलाइट इमेज से ये भी पता चला कि डोकलाम के करीब चीनी सेना ने एम्युनेशन-बंकर्स बनाए हैं.
वर्ष 2017 में भारत-चीन-भूटान के ट्राइ जंक्शन स्थित डोकलाम इलाके में सड़क बनाने को लेकर हुए विवाद में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 73 दिन लंबा फेसऑफ हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद ही विवाद खत्म हुआ था. हालांकि विवाद खत्म हो गया थ लेकिन तभी से चीन की पीएलए सेना डोकलाम इलाके में अपने को मजबूत करने में जुटी है.
इस बीच खबर है कि थलसेना जनरल एमएम नरवणे प्रमुख तीन दिनों की उत्तर-पूर्व राज्यों के दौरे पर जा रहे हैं. वे पूर्वी कमान के अंतर्गत आने वाले एओआर में सेना की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लेंगे. थलसेना प्रमुख का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब लगातार इस तरह की खबरें आ रही हैं कि चीनी सेना पूर्वी लद्दाख से सटी हुई एलएसी के साथ साथ उत्तराखंड, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी तैनाती लगातार मजबूत कर रही है. पूर्वी कमान के अंतर्गत सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश से सटी चीन सीमा के साथ साथ पश्चिम बंगाल सहित सभी उत्तर-पूर्व राज्य आते हैं.