(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
डोकलाम विवाद: चीन ने टकराव के लिए पीएम मोदी को ठहराया जिम्मेदार
‘’मोदी ने टकराव का रास्ता चुना है, क्योंकि उन्हें लगता है कि चीन को चुनौती देकर वो दक्षिण एशिया में भारत का दबदबा बनाए रख सकते हैं. भारत और चीन के बीच ताकत का अंतर ये बताता है कि भारत अकेले चीन का मुकाबला नहीं कर पाएगा, इसके लिए भारत को अमेरिका और जापान की मदद लेनी होगी.''
नई दिल्ली: डोकलाम विवाद पर तनातनी के बीच के चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में एक लेख छपा है, जिसमें भारत और चीन के बीच टकराव के लिए पीएम मोदी पर निशाना साधा गया है. लेख में लिखा है कि भारत के पीएम मोदी ने चीन के साथ टकराव का रास्ता चुना है. चीन ने कहा है कि मोदी के अमेरिका दौरे कर बाद ही डोकलाम विवाद हुआ है.
डोकलाम: अमेरिका बोला- भारत और चीन को बातचीत कर सुलझाना चाहिए विवाद
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स लिखा है, ‘’डोकलाम के इलाके में भारत लगातार सेना की मौजूदगी बढ़ाता जा रहा है. भारत का नेतृत्व बीजिंग और वाशिंग्टन के बीच मतभेद का फायदा उठाना चाहता है. चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए भारत दोनों देशों के रिश्तों में टकराव पैदा कर रहा है. मोदी दोनों देशों के बीच टकराव में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. भारत के मौजूदा राजनीतिक माहौल में भारत के नेताओं के लिए चीन से बेहतर रिश्ते की जगह टकराव का रास्ता ज्यादा आसान बन गया है.’’
अखबार में आगे लिखा है, ‘’मोदी ने टकराव का रास्ता चुना है, क्योंकि उन्हें लगता है कि चीन को चुनौती देकर वो दक्षिण एशिया में भारत का दबदबा बनाए रख सकते हैं. भारत और चीन के बीच ताकत का अंतर ये बताता है कि भारत अकेले चीन का मुकाबला नहीं कर पाएगा, इसके लिए भारत को अमेरिका और जापान की मदद लेनी होगी. डोकलाम को लेकर विवाद मोदी के अमेरिका दौरे के ठीक बाद शुरु हुआ. अमेरिका भारत के जरिए चीन को चुनौती देना चाहता है, मोदी इसी का फायदा उठाकर अमेरिका के साथ राजनीतिक और सामरिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना चाहते हैं.’’
लद्दाख में चीन ने दो बार की घुसपैठ कोशिश, भारतीय सैनिकों ने वापस खदेड़ा
भारत और चीन आपस में बातचीत करें–अमेरिका वहीं, अमेरिका ने कहा कि वह चाहता है कि सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में चल रहे गतिरोध पर भारत और चीन आपस में बातचीत करें. इससे पहले पिछले हफ्ते भी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नैरेट ने कहा था, ‘‘यह ऐसी स्थिति है जिस पर हम करीब से नजर रख रहे हैं.’’ उन्होंने कहा था, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं, हमारे संबंध दोनों सरकारों के साथ हैं. हम दोनों पक्षों को साथ बैठने और बातचीत करने को प्रोत्साहित कर रहे हैं. तब तक इसे अपने हाल पर छोड़ दें.’’ लद्दाख में चीन ने दो बार की घुसपैठ कोशिश चीन ने लद्दाख में कल दो बार भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन भारतीय सैनिकों की मुस्तैदी ने दोनों ही बार उसके इरादों को नाकाम कर दिया. चीनी सैनिकों ने घुसपैठ में नाकाम होने पर भारतीय जवानों पर पथराव भी किया, जिसका जवाब उसी अंदाज़ में दिया गया. आखिरकार चीनी सैनिकों को वापस अपने इलाके में लौटना पड़ा. क्या है पूरा विवाद? दरअसल डोकलाम जिसे भूटान में डोलम कहते हैं. करीब 300 वर्ग किलोमीटर का ये इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और सिक्किम के नाथुला दर्रे के करीब है. इसलिए इस इलाके को ट्राई जंक्शन के नाम भी जाना जाता है. ये डैगर यानी एक खंजर की तरह का भौगोलिक इलाका है, जो भारत के चिकन नेक यानी सिलिगुड़ी कॉरिडोर की तरफ जाता है. चीन की चुंबी वैली का यहां आखिरी शहर है याटूंग. चीन इसी याटूंग शहर से लेकर विवादित डोलम इलाके तक सड़क बनाना चाहता है. इसी सड़क का पहले भूटान ने विरोध जताया और फिर भारतीय सेना ने. भारतीय सैनिकों की इस इलाके में मौजूदगी से चीन हड़बड़ा गया है. चीन को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से दखलअंदाजी क्यों कर रहा है.16 जून से भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी है.